आज दुनिया भारत को भरोसे की नजर से देख रही है : प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं को देश की असल ताकत बताते हुए कहा कि आज दुनिया भारत को एक आशा और विश्वास की दृष्टि से देख रही है। भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज मानती है।

प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को स्वामी विवेकानंद की 159वीं जयंती के मौके पर पुदुच्चेरी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को आशा और विश्वास की दृष्टि से देखती है क्योंकि भारत की आबादी और मन भी युवा है। भारत अपने सामर्थ्य और सपनों से भी युवा है। भारत अपने चिंतन और चेतना से भी युवा है।

उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं के पास डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्य भी हैं, उनका डेमोक्रेटिक डिविडेंड भी अतुलनीय है। भारत अपने युवाओं को डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ-साथ डेवेलपमेंट ड्राइवर भी मानता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के युवा में अगर टेक्नोलॉजी का आकर्षण है, तो लोकतन्त्र की चेतना भी है। आज भारत के युवा में अगर श्रम का सामर्थ्य है तो भविष्य की स्पष्टता भी है। इसलिए, भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज मानती है।

प्रधानमंत्री ने आजादी के लिए युवा पीढ़ी के बलिदान का उल्लेख करते हुये कहा कि आज के युवाओं को देश के लिये जीना है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करना है। उन्होंने युवाओं की क्षमता और सामर्थ्य का हवाला देते हुये कहा कि वो पुरानी रूढ़ियों का बोझ लेकर नहीं चलता। युवा, खुद को और समाज को नई चुनौतियों और नई मांग के हिसाब से विकसित करना कर सकता है।

प्रधानमंत्री ने इससे पहले कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के एक प्रौद्योगिकी केंद्र का भी उद्घाटन किया। यह युवाओं में कौशल विकास को बढ़ावा देगा। इसे लगभग 122 करोड़ रुपये के निवेश से पुडुचेरी में स्थापित किया गया है।

इसके साथ-साथ उन्होंने ओपन एयर थियेटर युक्त एक प्रेक्षागृह पेरुनथलैवर कामराजर मनीमण्डपम का भी उद्घाटन किया, जिसे लगभग 23 करोड़ रुपये की लागत से पुडुचेरी सरकार ने निर्मित किया है। इसे मुख्य रूप से शैक्षिक उद्देश्य के लिये इस्तेमाल किया जायेगा। यहां एक हजार से अधिक व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है।

प्रधानमंत्री ने “मेरे सपनों का भारत” और “अनसंग हिरोज ऑफ इंडियन फ्रीडम मूवमेन्ट” (भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम महानायक) पर चयनित निबंधों का अनावरण किया। एक लाख से अधिक युवाओं ने इन दो विषयों पर निबंध लिखे थे, जिनमें से कुछ निबंधों को चुना गया है।

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