दुनिया का सबसे रोमांचक दुबई एयर शो 14 नवम्बर से शुरू होगा

– हैरतंगेज कारनामे दिखाने के लिए वायुसेना की सूर्यकिरण और सारंग टीमें दुबई पहुंचीं

– एयर शो में पेश किये जायेंगे 160 से अधिक वाणिज्यिक, सैन्य और निजी जेट विमान

– विदेशी रक्षा निवेश को आकर्षित करने के लिए दस भारतीय कंपनियां भी लेंगी हिस्सा

नयी दिल्ली : दुनिया का सबसे रोमांचक दुबई एयर शो 14 नवम्बर से शुरू होगा जिसमें वैश्विक एयरोस्पेस समुदाय के सामने अपने हैरतंगेज कारनामे दिखाने के लिए भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण और सारंग टीमें दुबई पहुंच गई हैं। 18 नवम्बर तक चलने वाले इस एयर शो में 10 भारतीय कंपनियां भी भाग लेकर रक्षा उद्योग की क्षमता दिखाकर विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करेंगी। इस वर्ष के संस्करण में 1,200 प्रदर्शक शामिल होंगे जिसमें 20 से ज्यादा देशों के मंडप लगेंगे। एयर शो में 160 से अधिक वाणिज्यिक, सैन्य और निजी जेट विमान पेश किये जाने हैं।

दुबई एयर शो में हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड, डीआरडीओ, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, बेवल गियर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, बिट्ज़सॉफ्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, दिगंतरा, कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, स्वस्ट एविएशन और बॉयसेन जैसी भारतीय कंपनियां भाग लेकर भारतीय रक्षा उद्योग की ताकत दिखाएंगी।

दुबई के अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 14 से 18 नवंबर तक आयोजित होने वाले द्विवार्षिक दुबई एयर शो में भारतीय वायुसेना की टुकड़ी को भी शामिल किया गया है। यूएई सरकार ने भारतीय वायुसेना को सारंग और सूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीमों के साथ भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। एयर शो के लिए पूरी तरह तैयार होकर वायुसेना की सूर्यकिरण और सारंग की टीमें दुबई पहुंच गई हैं।

द्विवार्षिक दुबई एयर शो 20 से अधिक देशी मंडपों की विशेषता के साथ दुनिया भर की सबसे नवीन तकनीकों की खोज करने का अन्तरराष्ट्रीय मंच है। शो की सबसे बड़ी हाइलाइट्स में से एक, स्टैटिक पार्क और फ्लाइंग डिस्प्ले में जमीन और हवा में दुनिया के सबसे उन्नत विमान होंगे। दुबई एयर शो के लिए एक ऐप भी बनाया गया है जो प्रोफाइल और रुचि के आधार पर व्यापार मिलान की सुविधा देगा। इसमें तकनीक, स्थिरता, हवाई यातायात प्रबंधन और कार्गो के क्षेत्र में अग्रणी उद्योग विशेषज्ञों के बीच 50 घंटे से ज्यादा समय चर्चा होनी है। यहां पेश किये जाने वाले स्टार्टअप से रक्षा उद्योग की चुनौतियों का समाधान मिलने के साथ ही प्रमुख निवेशकों को सहूलियत मिलेगी। साइबर सुरक्षा और स्वचालन सहित उभरती हुई तकनीक का प्रदर्शन भी होगा।

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