कोलकाता : राज्य में नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तापस मंडल और नीलाद्री घोष सरकारी गवाह बनने को तैयार हैं। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की सहमति के साथ ही दोनों इस मामले में पूरी जानकारी देने को राजी हैं।

Advertisement

सीबीआई से जुड़े सूत्र ने शुक्रवार को बताया कि दोनों के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है। साथ ही केंद्रीय एजेंसी के पास भी आवेदन किया है।

वहीं कानून की बारीक जानकारी रखने वालों ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत कोई भी अभियुक्त, जो किसी तरह के मामले में संलिप्त है, वह अपनी मर्जी से सरकारी गवाह बन सकता है। ऐसा होने पर उसे घटना से संबंधित सारी जानकारी देनी होती है और बदले में उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई से निजात दी जाती है।

दरअसल भ्रष्टाचार मामले में पहले से गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के विधायक और प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष मानिक भट्टाचार्य के करीबी तापस मंडल ने इस मामले में कई राज खोले हैं। उन्हीं की निशानदेही पर तृणमूल युवा के नेता कुंतल घोष की गिरफ्तारी हुई है।

इसके अलावा तापस ने यह बात स्वीकार की है कि राज्य के विभिन्न निजी कॉलेजों में पढ़ने वाले उम्मीदवारों की सूची बनाकर पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और मानिक भट्टाचार्य के पास भेजी जाती थी और सभी से रुपये की वसूली होती थी।

इस संदर्भ में करीब 20 करोड़ रुपये की वसूली की स्वीकारोक्ति भी उसने केंद्रीय एजेंसी के सामने की है। अब उसके सरकारी गवाह बनने से पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ और मानिक भट्टाचार्य की मुश्किलें अधिक बढ़ने वाली हैं।

Advertisement

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here