उमेशचंद्र कॉलेज में ‘बौद्धिक सम्पदा अधिकार : चुनौतियाँ एवं समाधान’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित

कोलकाता : उमेश चंद्र कॉलेज में आंतरिक गुणवत्ता और मूल्यांकन प्रकोष्ठ द्वारा शनिवार को एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय बौद्धिक संपदा अधिकार: चुनौतियां एवं समाधान, कार्यक्रम की शुरुआत उमेश चंद्र कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मो. तफज्जल हक ने स्वागत भाषण में कहा कि मौजूदा समय में हो रहे व्यावसायिक आयामों के प्रभाव एवं भारतीय बाजार में हो रहे बदलावों को रेखांकित किया। उमेशचंद्र कॉलेज के लॉ विभाग के प्राध्यापक इंद्रजीत आचार्य ने पेटेंट और कॉपीराइट के कानून और उसके अकादमिक प्रयोग पर प्रकाश डाला।

वक्ता प्रो. आशीष कुमार सान्याल ने बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े प्रमुख कानून एवं उनकी कार्य प्रक्रिया को बेहद सरल तरीके से समझाया। मुख्य वक्ता कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रो. एम.के. सान्याल ने आई पी आर के सुरक्षा नियमों एवं उसके कानूनी अधिकारों के तहत भारतीय अदालतों के मुकदमों एवं निर्णयों की चर्चा के साथ ही पेटेंट कानून और उसमें वैश्विक स्तर पर हो रहे बदलाव को रेखांकित किया। कानून की जानकार एवं मुख्य वक्ता प्रो. संचारी दास ने बाजार की जरूरतों और नए अनुसंधान की ओर समाज की जिम्मेदारी के साथ-साथ उसके प्रभाव का विश्लेषण किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन अंग्रेजी विभाग की डॉ. स्रोतस्विनी दे एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर श्यामली मुखर्जी ने किया। इस अवसर पर कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. प्रकृति रंजन दास, प्रो. अरुण कुमार बनिक, प्रो. महाश्वेता भट्टाचार्य, प्रो रमा दे नाग, डॉ. संजय घोष, डॉ. कावेरी कर्मकार, डॉ. कमल कुमार, देवदत्ता मजूमदार, अंकना दास, कृष्णकली मुखर्जी सहित कॉलेज के अन्य शिक्षक, कर्मचारी गण एवं छात्र उपस्थित थे।

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