कोलकाता : विभिन्न मांगों को लेकर आरजी कर अस्पताल के चिकित्सकों का आंदोलन तूल पकड़ता जा रहा है। कई बैठकों के बाद भी राज्य सरकार चिकित्सकों को संतुष्ट नहीं कर सकी। इसके बाद मंगलवार से 11 जूनियर डॉक्टरों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। इनमें से दो चिकित्सक बीमार हो गए हैं। चिकित्सकों के आंदोलन को लेकर स्वास्थ्य भवन ने कड़ा रुख अपनाया है।

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मंगलवार को आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने कहा है कि वे लोग अपने आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। देखते ही देखते हैं मंगलवार को अधिकतर चिकित्सकों ने आमरण अनशन का निर्णय लिया है। इसी बीच राज्य सरकार ने चिकित्सकों को दो घंटे में काम पर वापस आने की चेतावनी दी है। आंदोलन को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने कहा कि आरजी कर में आने वाले किसी भी रोगी को दूसरी जगह नहीं भेजा जाएगा। इसी बीच आउटडोर पर सेवा चालू करनी होगी और जरूरत पड़ने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार आरजी कर अस्पताल के 38 विभागों के प्रधान वार्ता के लिए स्वास्थ्य भवन जाएंगे। ताकि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जा सके। बताया गया है कि सरकारी अस्पताल की सेवा को फिर से चालू करने के लिए राज्य सरकार ने 20 चिकित्सकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।इसके बाद अन्य चिकित्सकों में आक्रोश व्याप्त है।

उल्लेखनीय है कि कॉलेज में छात्रों ने हॉस्टल आवंटन से लेकर साफ-सुथरी काउंसलिंग और अन्य सुविधाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार बरतने के आरोप लगाए हैं। इसके पहले छात्रों ने प्रिंसिपल के दफ्तर का घेराव किया था। आंदोलनरत छात्रों के घर पुलिस पहुंचने के बाद आंदोलन और अधिक तेज हो गया।

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