सृजन, चिंतन और मनुष्यता की जमीन तैयार कर रहा है हिंदी मेला- विजय बहादुर सिंह

कोलकाता : हिंदी मेला के पांचवें दिन युवा काव्य उत्सव की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि-आलोचक विजयबहादुर सिंह ने कहा कि हिंदी मेला का यह आयोजन नई पीढ़ी में सृजन, चिंतन व मनुष्यता की जमीन तैयार कर रहा है। वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वाद-विवाद में संवाद की गुंजाइश होनी चाहिए, कुतर्क की नहीं। हिंदी मेला नौजवानों को बोलने और अपना पक्ष रखने का संस्कार दे रहा है।

प्रो. सूर्यनारायण जी ने कहा कि हिंदी मेला में आकर ऐसा लगा कि यह आयोजन नई पीढ़ी की तार्किक क्षमता को बढ़ाने और उन्हें साहित्यिक, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करने का अनूठा प्रयास कर रहा है। इस अवसर पर डॉ मंटू कुमार, अनुवादक धर्मेंद्र साव ने भी अपना वक्तव्य रखा।

हिन्दी मेला को सम्बोधित करते वरिष्ठ पत्रकार सत्येन्द्र प्रताप सिंह

आज वाद-विवाद, आशु भाषण और युवा काव्य उत्सव समारोह हुआ। मल्टीमीडिया काव्य पाठ में बतौर निर्णायक डॉ. इतु सिंह, उपमा ऋचा और प्रकाश देवकुलुष मौजूद थे। इसका शिखर सम्मान आशुतोष झा, सुरेन्द्रनाथ लॉ कॉलेज, प्रथम स्थान सूर्य देव रॉय, स्वतंत्र प्रतिभागी और द्वितीय स्थान प्रगति दुबे, सेठ सूरजमल जालान कॉलेज को मिला। काव्य संगीत का शिखर सम्मान नवीन मिश्रा, प्रथम स्थान मुकुंद शर्मा, द्वितीय स्थान संयुक्त रूप से कालीचरण तिवारी और साक्षी तिवारी, तृतीय स्थान तान्या चतुर्वेदी, हावड़ा नवज्योति, प्रथम विशेष नैना प्रसाद और द्वितीय विशेष खुशी मिश्र को और लोकगीत का शिखर सम्मान सरिता तिवारी, प्रथम स्थान नवीन मिश्रा एवं दल, द्वितीय स्थान समचिता प्रहराज, तृतीय स्थान संयुक्त रूप से तान्या चतुर्वेदी, हावड़ा नवज्योति, अदिति दुबे, हावड़ा नवज्योति और खुशी मिश्र, प्रथम विशेष साक्षी तिवारी और द्वितीय विशेष संगीता कुमारी को मिला। युवा काव्य उत्सव में डॉ. शम्भुनाथ, अभिज्ञात, प्रो.आशुतोष, रावेल पुष्प, डॉ. शुभ्रा उपाध्याय, मंजू श्रीवास्तव, डॉ गीता दुबे, राज्यवर्धन, सेराज खान बातिश, प्रो.अंजुमन आरा, डॉ राजेश मिश्रा, डॉ अभिषेक शर्मा, पूनम सोनछात्रा, अक्षत डिमरी, सूर्य देव रॉय, मनीषा गुप्ता, राजेश सिंह, जोया अहमद, श्रीप्रकाश गुप्ता, महेश कुमार, प्रकाश त्रिपाठी, इंद्रेश कुमार और श्रेयांस शिवम ने अपनी कविताओं का पाठ किया।

कार्यक्रम का सफल संचालन उत्तम कुमार, आंनद गुप्ता, पंकज सिंह और रवि पंडित ने तथा धन्यवाद ज्ञापन मृत्युंजय ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 − 17 =