बेटियों पर टिकी हैं देश की बहुत सी उम्मीदें : राष्ट्रपति

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवा, किसान और विशेषकर महिलाओं को भारत के नए आत्म-विश्वास का स्रोत बताते हुए कहा कि कि देश की बहुत सी उम्मीदें हमारी बेटियों पर टिकी हुई हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने रविवार को 76वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पहली बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं। सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं में उनकी बढ़ती भागीदारी निर्णायक साबित होगी। आज हमारी पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या चौदह लाख से कहीं अधिक है।

उन्होंने कहा कि देश की बहुत सी उम्मीदें हमारी बेटियों पर टिकी हुई हैं। समुचित अवसर मिलने पर वे शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं। हमारी बेटियां लड़ाकू विमान चालक से लेकर अंतरिक्ष वैज्ञानिक होने तक हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं।

केंद्र सरकार द्वारा पिछले वर्ष से हर 15 नवंबर को ‘जन-जातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने के निर्णय का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे जन-जातीय महानायक केवल स्थानीय या क्षेत्रीय प्रतीक नहीं हैं बल्कि वे पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश का विकास अधिक समावेशी होता जा रहा है और क्षेत्रीय विषमताएं भी कम हो रही हैं। उन्होंने कहा कि विश्व ने हाल के वर्षों में विशेषकर कोविड-19 के प्रकोप के बाद नए भारत को विकसित होते देखा है। उन्होंने कहा कि भारत ने देश में ही निर्मित वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। पिछले महीने दो सौ करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है। इस महामारी का सामना करने में हमारी उपलब्धियां विश्व के अनेक विकसित देशों से अधिक रही हैं।

उन्होंने कहा कि जब दुनिया कोरोना महामारी के गंभीर संकट के आर्थिक परिणामों से जूझ रही थी तब भारत ने स्वयं को संभाला और अब पुनः तीव्र गति से आगे बढ़ने लगा है। इस समय भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक है।

राष्ट्रपति ने देश के प्रत्येक नागरिक से अपने मूल कर्तव्यों के बारे में जानने और उनका पालन करने का आग्रह करते हुए कहा कि ऐसा करने से हमारा राष्ट्र नई ऊंचाइयों को छू सकेगा।

विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव और एकता बढ़ाना 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मना रहा है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं जिन्होंने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया ताकि हम एक स्वतंत्र देश में रह सकें। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था।

उन्होंने कहा कि अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था लेकिन हमारे गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मार्च 2021 में दांडी यात्रा की स्मृति को फिर से जीवंत रूप देकर शुरू किया गया। उस युगांतरकारी आंदोलन ने हमारे संघर्ष को विश्व-पटल पर स्थापित किया। उसे सम्मान देकर हमारे इस महोत्सव की शुरुआत की गई। यह महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है।

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