चीनी सेना को मिला अरुणाचल प्रदेश से लापता किशोर, भारत को सौंपने की तैयारी

नयी दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास से लापता किशोर चीनी सेना को मिल गया है। अरुणाचल प्रदेश के अपर-सियांग जिले से लापता हुए किशोर के बारे में सेना की स्थानीय इकाई ने चीन की पीएलए सेना से हॉटलाइन पर संपर्क स्थापित करके मदद मांगी थी। लगभग एक हफ्ते के बाद चीनी सेना से यह जानकारी मिलने के बाद किशोर को वापस लाने के लिए भारतीय सेना उचित प्रक्रिया का पालन कर रही है।

अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापिर गाओ ने 18 जनवरी को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि अपर-सियांग जिले से सटी एलएसी से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने जिरो गांव के रहने वाले दो किशोरों का सियुंगला क्षेत्र के लुंगता जोर इलाके से अपहरण किया। चीनी सेना 17 साल के युवक मीरम तारोन को पकड़कर करके अपने साथ ले गई है। इस बीच पीएलए से बचकर भाग निकले मीरम तारोन के मित्र जॉनी यइयिंग ने स्थानीय अधिकारियों को अपने दोस्त के अपहरण के बारे में जानकारी दी।

सांसद ने अपहृत किशोर की तस्वीरें साझा करके बताया था कि चीनी सेना किशोर को भारत की सीमा से लेकर गई है, जहां 2018 में चीन ने 3-4 किलोमीटर अंदर तक सड़क बना ली थी। सांसद तापिर ने बताया कि यह घटना उस स्थान के पास हुई, जहां शियांग नदी अरुणाचल प्रदेश में भारत में प्रवेश करती है। यह दोनों किशोर प्राकृतिक जड़ी-बूटियां और सब्जी इकट्ठा करने के लिए जंगल में गए थे। उन्होंने भारत सरकार की सभी ‘एजेंसियों’ से किशोर की रिहाई के लिए गुहार लगाई थी। उन्होंने इस घटना के बारे में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक को भी जानकारी दी।

इस बाबत भारतीय सेना के स्थानीय कमांडर ने 19 जनवरी को चीन की आर्मी पीएलए से हॉट लाइन पर संपर्क किया और प्रोटोकॉल के अनुसार उसका पता लगाकर उसे वापस करने के लिए सहायता मांगी। चीन की पीएलए से कई दिनों तक कोई जवाब न आने पर भारतीय सेना की तरफ से भी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। असम और अरुणाचल प्रदेश की देखरेख करने वाले सेना की तेजपुर इकाई के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे के हवाले से रविवार को बताया गया कि अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास से लापता किशोर चीनी सेना को मिल गया है। चीनी सेना से यह जानकारी मिलने के बाद किशोर को वापस लाने के लिए भारतीय सेना उचित प्रक्रिया का पालन कर रही है।

दरअसल, भारत-चीन सीमा पर कोई तारबंदी नहीं है जिसके कारण कभी-कभी एक दूसरे के नागरिक सीमा पार कर लेते हैं। कुछ समय पहले चीन के नागरिक भी रास्ता भटक कर भारत के सिक्किम पहुंच गए थे। बाद में भारतीय सेना ने उन्हें चीनी सेना के हवाले कर दिया था। पिछले साल सितंबर में भी चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के अपर-सुबानसरी जिले से पांच युवकों को बंदी बना लिया था। यह युवक जंगल में शिकार के लिए गए थे और उस दौरान चीन की सीमा में दाखिल हो गए थे। बाद में भारतीय सेना के प्रयासों से युवकों को रिहा कराया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

31 − = 25