टीटागढ़ क्षत्रिय समाज ने मनाया स्वतंत्रता दिवस

बैरकपुर : टीटागढ़ क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह जी के नेतृत्व में टीटागढ़ क्षत्रिय समाज ने भारत की स्वाधीनता की 75वीं वर्षपूर्ति का अमृत महोत्सव टीटागढ़ के आर. पी. गुप्ता पथ स्थित समाज के उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह के घर के सामने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया। इसमें युवाओं के साथ – साथ समाज के वरिष्ठ सदस्यों और बच्चों ने भी भाग लिया। विशेष रूप से सचिव बिजय कुमार सिंह का संचालन काफी सराहनीय रहा |

कार्यकारी अध्यक्ष अनिल सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि समाज को इसी प्रकार संगठित होकर आगे भी सभी कार्य करना चाहिए, तभी समाज सशक्त होगा और बड़े – बड़े महत्वपूर्ण कार्य भी सफलतापूर्वक संपन्न हो सकेंगे।

महासचिव नन्द जी सिंह ने इस अवसर पर भारत के अब तक की सरकारों पर प्रश्न उठाया कि स्वतंत्रता के इन 75 वर्षों में हमारे समाज को क्या मिला? अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इन सरकारों ने देश को जाति – पाति में बांट रखा है। आज देश से प्रतिभावान बच्चों का विदेशों में पलायन हो रहा है, सरकारें आरक्षण की आड़ में अयोग्य पात्रों को नौकरियां देकर देश का सर्वनाश कर रही हैं और योग्य बच्चे विदेशों में जाकर अपनी योग्यता से नये – नये कीर्तिमान गढ़ रहे हैं। उन्होंने सरकार के समक्ष इस पर ज्ञापन के माध्यम से विरोध प्रकट जताने की ज़रूरत बतायी।

झन्डोत्तोलन समाज के शुभचिंतक शालीकराम मिश्रा, वरिष्ठ सदस्य बिरेन्द्र सिंह, पारसनाथ सिंह, गोपाल सिंह ने सम्मिलित रूप से किया।

युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हर्ष सिंह ने क्षत्रिय समाज के सभी युवाओं से जुड़ने और जोड़ने का आह्वान किया तो वहीं युवा सचिव कमलेश सिंह ने भी समाज के सदस्यों का मनोबल बढ़ाया।

समाज के कोषाध्यक्ष संजय सिंह ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बहुत ही सुंदर भूमिका निभाई। सुरेन्द्र सिंह एवं अनिल सिंह ने सभी सदस्यों का स्वागत किया।

कार्यक्रम के अवसर पर समाज के सह- सचिव टुनटुन सिंह, राणा शमशेर बहादुर सिंह, मनोज कुमार सिंह, नीतीश सिंह, सचिन्द्र सिंह, बिनोद कुमार सिंह, राज कुमार सिंह, ओमप्रकाश सिंह, राजेश कुमार सिंह, बिकास सिंह (पार्षद), चित्तरंजन, बिनित, राजन, अतुल, राहुल, अमरेंद्र, विनय, सुशील, मनोज, अरविंद, राजेश, किशोर, अनिकेत एवं संगठन सचिव शैलेश सिंह के साथ सुशील सिंह और वीरांगना सचिव संजू सिंह के बड़े भाई राजेश कुमार सिंह (मुन्ना) उपस्थित थे।

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