आनुषांगिक संगठनों को संघ प्रमुख की नसीहत, नैतिकता केंद्रित परिवार व्यवस्था विकसित करें

कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत तीन दिवसीय दौरे पर बंगाल पर हैं। उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों को 2025 में संघ की 100वीं वर्षगांठ को ध्यान में रखते हुए बंगाल में शाखाओं की संख्या बढ़ाकर कम से कम आठ हजार करने का लक्ष्य दिया है। साथ ही संगठन के आनुषांगिक संगठनों जैसे विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, वनवासी कल्याण आश्रम, भारतीय जनता पार्टी समेत 40 संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बुधवार को संघ प्रमुख ने दिन भर मुलाकात की है।

संघ के दक्षिण बंग प्रांत प्रचारक विप्लव रॉय ने गुरुवार सुबह को बताया कि सरसंघचालक ने मूल रूप से नैतिकता केंद्रित परिवार व्यवस्था विकसित करने पर जोर दिया है। कोलकाता के केशव भवन स्थित संघ मुख्यालय में मंगलवार को भागवत ने संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मुलाकात की थी। उन्होंने राज्य में 2024 तक संघ की शाखाओं की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर लोगों को जोड़ने का लक्ष्य दिया है। इसके अलावा राज्य के 350 प्रमुख प्रबुद्ध व्यक्तियों के साथ भी उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की थी। उन्होंने बातचीत में राज्य के समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान का आह्वान किया। इसके अलावा उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव पर 1905 के बाद से लेकर आजादी तक के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उजागर करने को भी कहा है। उसके बाद बुधवार को उन्होंने सारा दिन आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ मुलाकात कर इन्हीं लक्ष्यों को पूरा करने को कहा है। संघ के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया है कि आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों ने राज्य में चुनाव बाद हिंसा, विद्वेषपूर्ण राजनीतिक माहौल और घुसपैठ की वजह से बढ़ी समस्याओं के बारे में संघ प्रमुख से शिकायत की है जिसका सांगठनिक समाधान करने का आश्वासन भागवत ने दिया है।

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