विश्वविद्यालय कुलपति की पत्नी को ही नैनो सेंटर में बनाया गया निदेशक, उठ रहे सवाल

कोलकाता : साल्टलेक में कलकत्ता विश्वविद्यालय के नैनो सेंटर के निदेशक के रूप में कुलपति की पत्नी की नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया है।

डेढ़ दशक पहले, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने चेन्नई, मुंबई और कोलकाता में नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी में अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। कोलकाता में पहले तीन वर्षों के लिए इसकी अध्यक्षता कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. ध्रुवज्योति चटर्जी ने की थी। वह अब एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। तब से अब तक कई अनुभवी प्राध्यापकों को इसका निदेशक नियुक्त किया जा चुका है लेकिन इस पद पर नियुक्ति को लेकर संशय था। डॉ. तनुका चटर्जी को गुरुवार को चार्ज मिला है। वह विश्वविद्यालय के वर्तमान अंतरिम कुलपति आशीष कुमार चटर्जी की पत्नी हैं।

कलकत्ता यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव सनातन चटर्जी ने बताया कि तनुका देवी यूनिवर्सिटी अंडरग्रेजुएट बोर्ड चेयरपर्सन, लेडी ब्रेबॉर्न कॉलेज बोर्ड की सदस्य हैं, ”रूसा” (राज्य उच्च शिक्षा अभियान) की प्रमुख, विज्ञान संकाय की डीन हैं। ऐसे लगभग 18 महत्वपूर्ण विभागों में उनकी सहभागिता होने के बावजूद उन्हें निदेशक के पद पर नियुक्त किया जाना अपने आप में सवालों के घेरे में है। मेरा मानना है कि उनके पति कुलपति है इसलिए उन्हें यह महत्वपूर्ण पद दिया गया है जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए।

इसके जवाब में तनुका ने कहा कि सबसे पहले, मुझे इस पद के लिए नामित करने का निर्णय विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा मेरे पति के कुलपति बनने से पहले लिया गया था। सिंडिकेट ने मेरे अनुभव और उपलब्धियों को देखने के बाद यह निर्णय लिया है, न कि किसी व्यक्ति की इच्छा के कारण। दूसरा, एक ही व्यक्ति के विश्वविद्यालय में कई पदों पर रहने के कई उदाहरण हैं। अधिकारी स्वाभाविक रूप से एक शिक्षक के कौशल या अनुभव का उपयोग करना चाहते हैं।

सनातन ने कहा कि विश्वविद्यालय में कुल 5 डीन हैं। यह जिम्मेदारी आमतौर पर विभाग के सबसे वरिष्ठ अध्यापकों को दी जाती है। केवल विशेष मामले में कार्यकाल समाप्त होने पर 6 महीने के लिए सशर्त पुनर्नियुक्त किया जाता है लेकिन तनुका देवी के मामले में ऐसा कोई कारण नहीं दिखता।

इसके जवाब में तनुका ने कहा कि पति के गुण पर सती के गुण का यह सिद्धांत शिक्षा क्षेत्र में काम नहीं करता है। जो लोग मेरे पिछले तीन दशकों के काम के बारे में जानते हैं, उन्हें इस पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। खगोल भौतिकी और गणित में मेरे शोध का स्तर, इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 91 कॉलेजों में सीबीएसई के लिए मेरी भरपूर कोशिश रही है, अत्याधुनिक टेलीस्कोप की स्थापना, विभिन्न प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए यह निर्णय अधिकारियों द्वारा लिया गया है।

दरअसल कलकत्ता विश्वविद्यालय की निवर्तमान कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी को हाई कोर्ट द्वारा हटाए जाने के बाद हर एक नियुक्ति पर विशेषज्ञों की पैनी नजर बनी हुई है।

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