भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही दुनिया : प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में देश की विकास यात्रा और उसके बढ़ते सम्मान का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान में दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह प्रभावित हुई जिसकी अब भारत पूर्ति कर रहा है। इसी के चलते भारत दुनिया में ‘मैन्युफैक्चरिंग हब’ के तौर पर उभर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महामारी और संघर्ष से सारी दुनिया प्रभावित है। ऐसे समय में भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। विश्व में भारत के प्रति सकारात्मक रूख, आशा और भरोसा है। भारत में दुनिया के समृद्ध देशों के जी-20 सम्मेलन का आयोजन हो रहा है जो हम सभी के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने भारत पर विश्व के बढ़ते भरोसे का कारण केंद्र की स्थिर सरकार को बताया। उन्होंने कहा कि इसी स्थिरता के चलते भारत की साख, सामर्थ्य और संभावनाएं लगातार बढ़ी हैं। एक स्थिर और निर्णायक सरकार ने राष्ट्रहित को आगे बढ़ाया है। ‘वर्तमान में देश मजबूरी से नहीं, बल्कि विश्वास के चलते रिफॉर्म कर रहा है’। आज देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिली है और देश नीतिगत दृढ़ता के साथ दूरगामी फैसले ले रहा है।

पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 का समय ‘लॉस्ट दशक’ के रूप में जाना जाएगा, वहीं 2023 का समय ‘भारत के दशक’ के तौर पर जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में देश ने घोटाले, आतंकी हमले और हिंसा देखी। ऐसे समय में भारत को कई अवसर मिले लेकिन उस समय की सरकार मुसीबत में ही फँसी रही। उन्होंने कहा, “राजनीति में मतभेद हो सकते हैं लेकिन हमारा फोकस 2047 तक विकसित भारत के निर्माण पर है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष की आलोचनाओं के बावजूद जनता का सरकार पर भरोसा बरकरार है। इसके पीछे उनकी सरकार के किसानों, वंचितों, पिछड़ों, दलितों और जनजातीय वर्ग के लिए किए गए कार्य हैं। उन्होंने कहा, “मोदी पर भरोसा अखबार या टीवी से नहीं आया है, बल्कि जीवन का पल-पल खपाने से आया है। उन पर विश्वास का सुरक्षा कवच है जिसे विपक्ष कभी नहीं भेद पाएगा।”

कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष में बैठने के बाद भी पार्टी वहां असफल साबित हो रही है। विपक्ष ने आरोप लगाने में पिछले 9 साल बर्बाद कर दिए। कांग्रेस पर परोक्ष हमला करते उन्होंने कहा कि हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में कांग्रेस पार्टी के उत्थान और पतन पर अध्ययन हुआ है। वह समय भी जल्द ही आएगा जब बड़े-बड़े संस्थान कांग्रेस के पतन और उसे डुबोने वालों का अध्ययन करेंगे।

उन्होंने विपक्ष की चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसियों पर आरोप लगाने की प्रवृत्ति को नकारात्मक राजनीति बताया। उन्होंने कहा कि जिस विपक्ष को कोई भी राष्ट्रीय मुद्दा एकजुट नहीं कर पाया उसे प्रवर्तन निदेशालय ने एक मंच पर ला दिया है।

प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी और उनके कल के लोकसभा में दिए भाषण पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान देशवासियों को सदस्यों की क्षमता, योग्यता, समझ और इरादा पता चला है जिसका वे मूल्यांकन कर रही है। उनके भाषण से एक इकोसिस्टम उछल रहा है। प्रधानमंत्री ने ऐसे लोगों पर तंज कसा और कहा, “वे यह कह कर दिल बहला रहे हैं, वह अब चल चुके हैं, वह अब आ रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में संपन्न हुई ‘भारत जोड़ो’ यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर लोकतंत्र का उत्सव मना रहा है और वहां ‘हर घर तिरंगा’ जैसे सफल कार्यक्रम हो रहे हैं। “एक समय में जो लोग कहते थे कि तिरंगा फहराने से शांति के माहौल को खतरा है, वही आज तिरंगा यात्रा में शामिल हो रहे हैं।” भारत सरकार की अलगाववाद और आतंकवाद के खिलाफ सफल नीतियों का परिणाम ही है कि प्रदेश में सिनेमाघर हाउसफुल जा रहे हैं। वर्तमान के पूर्वोत्तर में भी बदलाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है, पिछले 9 सालों में वहां 7500 अलगाववादियों ने आत्मसमर्पण किया है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पहले अभिभाषण को जनजातीय समाज के गौरव से जोड़ा और कहा कि इससे उस समाज में आत्मविश्वास बढ़ा है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के किसी विषय पर सवाल नहीं उठाने पर प्रधानमंत्री ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि सबके प्रयास से ही आज सदन से देश की प्रगति को स्वीकृति मिली है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 9 सालों के कार्यकाल में देश ने हर क्षेत्र आर्थिक, खेल, समावेशी विकास में उन्नति हासिल की है। नारी शक्ति को भी समानता और सम्मान मिला है। वंचितों में आशा की किरण पैदा हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में संविधान निर्माताओं की सोच के केंद्र में रहे दलित, पिछड़े और आदिवासी तक बिजली, पानी, पक्का मकान, सड़क और 4जी जैसी सुविधाएं पहुंच रही हैं। गरीब माता-बहनों तक धुआं मुक्त गैस के चूल्हे, इज्जत घर और सेनेटरी नैपकिन पहुंच रहे हैं। मध्यमवर्ग आज अधिक मात्रा में इंटरनेट डाटा का कंजपश्न कर रहा है। मध्यमवर्ग को ऋण सुविधाएं मिल रही हैं और कानून के माध्यम से सुरक्षित घर बनाने का सपना पूरा हो रहा है। रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में भी लेटलतीफी और दुर्घटना का दौर बीत गया है और वंदे भारत जैसी ट्रेन तेज रफ्तार से दौड़ रही हैं। आज हर सांसद अपने यहां वंदे भारत ट्रेन चलाना चाहता है।

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