ममता के चुनाव एजेंट शेख सूफ़ियान पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, हत्या का है आरोप

हाई कोर्ट ने शेख की अग्रिम जमानत याचिका की खारिज

गिरफ्तारी पर रोक के आदेश को भी हाई कोर्ट ने हटाया

कोलकाता : विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम सीट से तृणमूल उम्मीदवार रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी एजेंट शेख सुफियान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। हाई कोर्ट ने सोमवार को भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के मामले में गिरफ्तारी पर लगी रोक को आगे नहीं बढ़ाया है।

दरअसल, चुनाव बाद हिंसा में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता देवव्रत माइती की हत्या के मामले में शेख आरोपित हैं। सुफियान ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जिस पर सोमवार को न्यायमूर्ति देवांग्शु बसाक के पीठ में सुनवाई हुई। उन्होंने पक्ष विपक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद सुफियान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक को हटाने की घोषणा की। उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हटने के बाद मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अब कभी उन्हें गिरफ्तार कर सकता है।

उल्लेखनीय है कि 3 मई को नंदीग्राम के एक नंबर प्रखंड अंतर्गत चिल्लाग्राम में भाजपा कार्यकर्ता देवव्रत माइती की पीट-पीटकर हत्या की गई थी। आरोप है कि शेख सुफियान के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता को मौत के घाट उतारा गया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने इस मामले में सुफियान को नामजद किया है और पूछताछ के लिए उन्हें हल्दिया के सीपीटी गेस्ट हाउस में भी बुलाया गया था लेकिन वह हाजिर नहीं हुए थे। गिरफ्तारी से बचने के लिए शेख ने अपने वकील स्वपन कुमार अधिकारी के जरिए हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी।

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