कोलकाता : सस्ती आयातित चाय को स्थानीय प्रीमियम पारंपरिक किस्मों के साथ मिलाने से बोर्ड चिन्तित है। इसलिए चाय बोर्ड ने आयातित चायपत्ती भारतीय चाय पत्ती के साथ मिश्रण करने वाले पंजीकृत खरीदारों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय किया है।

Advertisement

मंगलवार को चाय बोर्ड के उपाध्यक्ष के एन राघवन ने कहा कि बोर्ड के निर्देशों का पालन न करने वाले खरीदारों पर कार्रवाई की जाएगी और लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। एक अन्य आदेश में बोर्ड ने यह भी निर्देश दिया कि कोई भी वितरक आयातित चाय बेचने का कारोबार नहीं करेगा और कोई भी निर्यातक बोर्ड के लाइसेंसी के अलावा चाय का निर्यात नहीं करेगा। बोर्ड ने कहा कि दार्जिलिंग, कांगड़ा, असम (परंपरागत) और नीलगिरि (परंपरागत) की चाय प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेतक (जीआई) हैं, जो 1999 के जीआई अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं। अपनी गुणवत्ता के लिए इनकी दुनियाभर में अलग पहचान है। चाय बोर्ड के संज्ञान में आया है कि घटिया गुणवत्ता की आयातित चाय को भारतीय परंपरागत किस्मों के साथ मिलाया जा रहा है, जिससे भारतीय उत्पाद की प्रतिष्ठा को नुकसान हो रहा है।

Advertisement

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here