कोलकाता : वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को चल रहे 696 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि चुनाव आयोग ने उन बूथों पर चुनाव ही नहीं कराए जहां गत शनिवार को मतदान के दौरान हिंसा, आगजनी और धांधली हुई थी। उन्होंने कहा कि 18 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर शनिवार को वोटिंग के दौरान धांधली हुई थी। इसके साक्ष्य मौजूद हैं। पार्टी इन साक्ष्यों के साथ कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख करेगी।

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अधिकारी ने दावा किया कि जिन मतदान केंद्रों पर आज सोमवार को वोटिंग हो रही है उन केंद्रों के बारे में पुनर्मतदान का निर्णय चुनाव आयोग ने नहीं बल्कि आईपैक (ममता बनर्जी के राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर की संस्था) ने लिया है।

अधिकारी ने कहा कि वह शनिवार को मतदान के दौरान कई हजारों बूथों पर कदाचार के सबूत इकट्ठा कर रहे हैं और इनसे लैस होकर कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।

उन्होंने कहा, “हमने पुनर्मतदान की सिफारिश करते हुए राज्य चुनाव आयोग को छह हजार बूथों की एक सूची सौंपी थी। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के आदेश पर 18 हजार बूथों पर छप्पा मतदान हुआ था। हम और सबूत इकट्ठा कर रहे हैं… वीडियो फुटेज और सब कुछ।”

अधिकारी ने कहा, “हमारी सूची को स्पष्ट रूप से राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने नजरअंदाज कर दिया है और हम आश्चर्यचकित नहीं हैं। एसईसी द्वारा कल रात घोषित बूथों की सूची टीएमसी और आईपैक द्वारा प्रस्तुत की गई थी।”

नंदीग्राम से भाजपा विधायक ने दावा किया कि भाजपा कदाचार के जो सबूत इकट्ठा कर रही है, उससे हिंसा में तृणमूल की संलिप्तता साबित होगी।

उन्होंने कहा, “पर्याप्त वीडियो फुटेज के साथ एक विस्तृत विस्तृत साक्ष्य मंगलवार को मतगणना के दिन कलकत्ता उच्च न्यायालय को प्रस्तुत किया जाएगा।”

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि जिन बूथों पर बड़े पैमाने पर धांधली हुई है, वहां सीसीटीवी कैमरों की दिशा बदल दी गई या बाहर से कैमरे तो दिखे लेकिन अंदर से उन्हें चालू ही नहीं किया गया।

एक सवाल के जवाब में अधिकारी ने राज्यपाल की भूमिका को लेकर असंतोष प्रकट करते हुए कहा, “राज्यपाल ने राजभवन में एक शांति कक्ष खोला। लेकिन मुझे वांछित परिणाम नहीं मिले। लोग इस तरह के कदमों से परिणाम चाहते हैं।”

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