कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय में बांग्ला प्रथम वर्ष के छात्र की रैगिंग की वजह से विश्वविद्यालय की छत से गिरकर भयावह मौत के चार दिन बाद रजिस्ट्रार स्नेह मंजू बसु विश्वविद्यालय लौटी हैं। सोमवार को यहां लौटते ही, वह जैसे ही मीडिया के कैमरे के सामने पहुंचीं फूट-फूट कर रोने लगीं। उन्होंने बताया कि उनकी तबीयत खराब थी इसलिए नहीं आईं। चार दिनों तक घर पर नहीं रोने वाली मंजू ने कुछ देर तक आंसू बहाने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देना भी शुरू कर दिया। जब उनसे पूछा गया कि विश्वविद्यालय में एंटी रैगिंग समिति की सिफारिशों को माना जा रहा है या नहीं? तब आंसू पोंछकर उन्होंने तपाक से परोक्ष तौर पर राज्यपाल पर हमला शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कुलपति के नहीं होने पर बहुत तरह की समस्या होती है। अगर कुलपति होते तो निश्चित तौर पर कई सुविधाएं होतीं।

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उन्होंने कहा कि कुलपति की अनुपस्थिति में कई फैसले मैं लेती हूं लेकिन सारे फैसले लेने का अधिकार मेरा नहीं है।

उल्लेखनीय है कि इसी साल मार्च महीने में जादवपुर विश्वविद्यालय में कुलपति के पद से सुरंजन दास ने इस्तीफा दे दिया था। कुलाधिपति राज्यपाल डॉक्टर सी.वी. आनंद बोस के पास उन्होंने अपना इस्तीफा भेजा था। इसके बाद राज्यपाल ने उनकी जगह विश्वविद्यालय के ही इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अमिताभ दत्त को अस्थाई कुलपति नियुक्त किया था लेकिन उन्होंने भी चार अगस्त को इस्तीफा दे दिया। अब वहां एक छात्र की रैगिंग की वजह से दर्दनाक मौत हुई है। इस मामले में चार दिन बाद विश्वविद्यालय पहुंची रजिस्ट्रार ने सीधे तौर पर विश्वविद्यालय के अंदर अव्यवस्था और प्रशासनिक विफलता की बात स्वीकार करने के बजाय परोक्ष तौर पर राज्यपाल पर हमला बोलना शुरू कर दिया।

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