कासगंज/कोलकाता : सनातन धर्मप्रेमियों एवं अनुयायियों के लिए धनतेरस और दीवाली का त्योहार काफी महत्वपूर्ण है। धनतेरस के मौके पर खरीदारी करने को शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने और पूजा करने से सुख-समृद्धि और आरोग्य प्राप्त होता है। इस बार धनतेरस पर खरीदारी और पूजा-अर्चना के लिए कई शुभ और विशेष फल देने वाले मुहूर्त बन रहे हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि, मंगलवार दो नवंबर को धनतेरस व चार नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर, माता लक्ष्मी के साथ आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा विधि-विधान से की जाएगी।

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धनतेरस के संबंध में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। शूकर क्षेत्र सोरों के युवा ज्योतिषी गौरव दीक्षित। उनके अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि मंगलवार को सूर्योदय त्रिपुष्कर व सिद्ध योग में होगी जो सुबह 8.35 मिनट तक रहेगी। उक्त योग में सूर्योदय होने से इसका प्रभाव पूरे दिन बना रहेगा। ऐसे में इस दौरान खरीदारी शुभ होगी, इसी योग में धनतेरस का पर्व भी मनाया जाएगा।

इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान धन्वंतरि हाथ में कलश लिए प्रकट हुए थे। इस दिन यानी धनतेरस पर बर्तन, सोने-चांदी आदि खरीदने की परंपरा है। इस दिन झाड़ू की खरीदारी करने से दरिद्रता का नाश होता है। साथ ही समृद्धि आती है। तिल तेल का दीपक घर के बाहर दक्षिण मुख रखने से काल संकट, रोग, शोक, भय, दुर्घटना, अकाल मृत्यु से बचाव होता है।

खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त-

चर लग्न – सुबह 8.46 बजे से 10.10 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11.11 बजे से 11.56 बजे तक

अमृत मुहूर्त – दोपहर 11.33 बजे से 12.56 बजे तक

शुभ योग – दोपहर 2.20 बजे से 3.43 बजे तक

वृष लग्न – शाम 6.18 बजे से रात 8.14 बजे तक

धनतेरस के मौके पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम को बन रहा है। विशेष फल प्राप्ति के लिए प्रदोष काल व वृष लग्न में शाम 6 बजे रात्रि 7.57 बजे तक पूजा करना श्रेयस्कर है। पूजा में मन और साधन की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।

धनतेरस के दिन तीन ग्रहों का शुभ संयोग है। सूर्य, मंगल और बुध ग्रह धनतेरस के दिन तुला राशि में गोचर करेंगे। बुध और मंगल मिलकर धन योग बना रहे हैं। सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को राजयोग की श्रेणी में रखा गया है। मंगल-बुध की युति को व्यापार के लिए बहुत शुभ माना जाता है।

धनतेरस पर पीली धातु यानी सोना या पीतल खरीदने की प्रचलन है। अगर ये धातु न खरीद सकें तो धनिया और पीली कौड़ियां जरूर खरीदें। माना जाता है कि धनतेरस के दिन धनिया खरीदने से घर में लक्ष्मी जी का वास होता है, ऐसा करने से घर में आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं।

गाय को भारतीय संस्कृति का आधार प्रतीक माना जाता है। धनतेरस वाले दिन लोग अपने पशुओं विशेषकर गाय की पूजा करते हैं। गाय को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। आप भी धनतेरस पर गाय की पूजा करें। इस उपाय को करने से परिवार के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।

हल्दी को बहुत गुणकारी औषधि माना जाता है। धनतेरस वाले दिन आप बाजार गांठ वाली पीली हल्दी खरीदकर लाएं। इसके बाद उसे बिना सिले कपड़े में रखकर घर के मंदिर में स्थापित कर दें फिर उसकी पूजा करें। इसके बाद उस हल्दी का दान कर दें। ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियां घर से दूर हो जाती हैं और परिवार में खुशहाली बढ़ती है।

धनतेरस पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, धनपति कुबेर, भगवान धन्वंतरि और यमराज की पूजा करें। इनकी पूजा करने ये पंच देवता प्रसन्न होते हैं और घर पर बुरी शक्तियों का साया नहीं पड़ पाता। इससे परिवार में धन लाभ के योग बनते हैं।

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