… तो इस लिए बनाया था सुल्ली डील ऐप

नयी दिल्ली : सुल्ली डील ऐप बनाने वाले आरोपित ओंकारेश्वर ठाकुर ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किये हैं। इंदौर से गिरफ्तार किए गए ओंकारेश्वर ने पुलिस पूछताछ में बताया कि स्कूल से लेकर बीसीए तक की पढ़ाई उसने इंदौर से ही की है। बीसीए करने के बाद से वह नौकरी की जगह फ्रीलांस का काम करता था। वह सोशल मीडिया पर अपना काफी समय बिताता है।

बीते वर्ष उसने देखा कि ट्विटर पर कई विशेष समुदाय की महिलाएं मंदिर, भगवान और हिन्दू धर्म को लेकर टिप्पणी करती हैं। ऐसे ट्वीट को वह उस क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों को टैग कर देता था, लेकिन कोई एक्शन नहीं होता था। इसलिए उसने सोशल मीडिया पर ऐसी महिलाओं को ट्रोल करने के लिए एक प्लेटफॉर्म बनाने की ठानी।

पूछताछ में आरोपित ओंकारेश्वर ठाकुर ने बताया कि उसने ट्वीटर पर ट्रेडमहासभा नाम से ग्रुप बनाया जिस पर उसके जैसी सोच रखने वाले करीब 50 लोग जुड़ गए। इसके बाद उसने ‘गिटहब’ पर ‘सुल्ली डील’ के नाम से ऐप बनाया और उसे ग्रुप में साझा किया। ग्रुप के ही एक-दो साथियों ने इसकी ग्राफिक डिजाइनिंग की। इसके बाद 4-5 सदस्यों ने उन महिलाओं की तस्वीर वहां डालना शुरू किया, जो हिन्दू धर्म, मंदिर या देवी-देवताओं के बारे में टिप्पणी करती थीं। ट्विटर पर वह उन्हें तलाशते और उनकी फोटो को सुल्ली डील ऐप पर डाल देते थे।

आरोपित ने पुलिस को बताया कि दो-तीन दिन में ही इस ऐप को लेकर हंगामा होने लगा। कई जगहों पर इसकी शिकायत होने लगी। तब उसे लगा कि वह पकड़ा जा सकता है। इसलिए उसने ऐप और ग्रुप को डिलीट कर दिया था। उसने सभी डिजिटल फुटप्रिंट मिटा दिए थे, ताकि पुलिस उस तक नहीं पहुंच सके। इस मामले की जांच में बीते छह महीने से जुटी पुलिस को भी उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया था। उसने पुलिस को बताया कि वह निश्चिन्त होकर अब सामान्य जीवन बिता रहा था। आगामी अप्रैल माह में उसका विवाह होने वाला था, लेकिन इससे पहले ही वह पकड़ा गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

− 3 = 1