कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय के बंगाली विभाग में प्रथम वर्ष के छात्र की रैगिंग के वजह से हुई मौत मामले का मास्टरमाइंड मामले में सबसे पहले गिरफ्तार किया गया पूर्व छात्र सौरभ चौधरी है। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के आधार पर यह दावा किया है। दरअसल नौ और दस अगस्त की रात जब छात्र हॉस्टल की चौथी मंजिल से नीचे गिरकर छटपटा रहा था तब सौरभ ने तुरंत खुद को बचाने के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करना शुरू कर दिया था।

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उसने न केवल जनरल बॉडी की मीटिंग बुलाकर सभी लोगों को यह समझाया कि पुलिस से क्या कुछ कहना है बल्कि व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया। इस ग्रुप में उन सभी लोगों को जोड़ा गया जिन्हें संभावित तौर पर पुलिस पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता था।

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उसने बताया था कि पुलिस अगर उसके बारे में पूछे कि वह पूर्व छात्र होने के बावजूद हॉस्टल में क्यों रह रहा था तो कहना है कि मां की चिकित्सा के लिए वह जब भी कोलकाता आता है तो हॉस्टल में रूक जाता है।

इसके अलावा रैगिंग को लेकर क्या कुछ कहना है इस बारे में भी व्हाट्सएप ग्रुप में उसने निर्देश दिए थे। कई अन्य सीनियर्स ने उसका समर्थन किया था जिसके बाद पुलिस की जांच को लगातार गुमराह किया गया।

कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल भी खुद दो बार सौरभ से पूछताछ कर चुके हैं और हर बार उसके बयानों में विसंगतिया मिली हैं। मामले में गिरफ्तार किए गए सभी 13 लोग रैगिंग में शामिल रहे हैं और कई अन्य हैं जिन्हें बचाने की कोशिश हो रही है। पुलिस का कहना है कि सौरभ ने ही सारी योजना बनाई थी। उससे सघन पूछताछ लगातार हो रही है ताकि अन्य आरोपितों को पकड़ा जा सके।

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