कोलकाता : सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने पश्चिम बंगाल में संपन्न हुए पंचायत चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इतने आतंक, प्रशासनिक व्यर्थता, असुरक्षा के बीच वाममोर्चा के कार्यकर्ता समर्थक, एक अर्थ में भाजपा-तृणमूल कांग्रेस विरोधी सभी हिस्सों के आम समर्थक, मतदाताओं के एक बड़े हिस्से का अपने अधिकार के लिए बंगाल की राजनीति में एक गौरवशाली भूमिका रही है। उस विरासत को यथार्थ में मजबूत बनाने का काम किया है। इसके लिए उन सभी को सलाम।

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जान की बाजी लगाकर मतदान, शांतिपूर्ण मतदान कराना, सुरक्षा देने के लिए जिन लोगों ने अथक मेहनत की है और कर रहे हैं, उनके प्रति हम हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

सलीम ने कहा कि बार-बार बोलने के बावजूद, चुनाव घोषणा के बाद चुनाव आयोग, सरकारी प्रशासन, पुलिस प्रशासन अभी तक कानूनी कदम उठाने के बदले शासक दल की जी हुजूरी कर रहा है। देश के लोग देख रहे हैं कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही चुनाव केंद्रों पर कब्जा हो चुका है।छप्पा वोट देकर बैलट बक्सा भरने का काम गुंडों ने शुरू कर दिया है। पुलिस को साथ लेकर शासकदल के गुंडों ने पूरे राज्य में तांडव चलाने के बावजूद, उनलोगों ने लोगों का प्रतिवादी मिजाज भी देखा है।समझ गये हैं कि लोग लुटेरों की नहीं जनता की पंचायत बनाने के लिए दृढ़ संकल्प ले चुके हैं। इसलिए शुरू से ही चुनाव आयोग बहाने बनाते हुए निष्क्रिय था।‌

उन्होंने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद केन्द्रीय गृह मंत्रालय की मिलीभगत के कारण केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं की गयी। सुरक्षा के अभाव के कारण चुनाव कर्मी मतदान कार्य में हिस्सा लेने से विरत रहे।यह घटना इस राज्य में पहले कभी नहीं घटी थी। अभूतपूर्व।
जिन लोगों के मतदान के अधिकार को छीनकर छप्पा वोट दिया गया है, मतदान में बाधा दी गयी है। इस दिन उनका गुस्सा फटने के बावजूद भी चुनाव आयोग मूक दर्शक बना रहा।इसके विपरीत अपने लोकतांत्रिक अधिकार फिर से हासिल करने के लिए ग्रामीण बंगाल ने लड़ाई का साफ संदेश राज्य प्रशासन को दे दिया है।झूठा मामला, धमकी, जेल -जुर्माना, शारीरिक शोषण, यहाँ तक की हत्या करके भी अब लोगों का दमन नहीं किया जा सकेगा।

उन्होंने पार्टी की ओर से मांग करते हुए कहा कि शासकदल के लिए तथ्यों की हेराफरी न हो इसलिए चुनाव आयोग तुरंत मतदान के औसत मतदान की जानकारी की घोषणा करे। सीसीटीवी का फुटेज सुरक्षित हो। स्ट्रांग रूम में बैलट बॉक्स सुरक्षित रहे। प्रत्येक मौत की जिम्मेदारी सरकार और चुनाव आयोग को लेने के साथ मुआवजा देने की घोषणा करनी होगी। जिन जगहों पर वोटों की लूट हुयी है,वहाँ पर फिर से चुनाव कराने की घोषणा करनी होगी। चुनाव के बाद किसी की भी जान न जाए। इसे राज्य प्रशासन और पुलिस सुनिश्चित करे।

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