कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी हंगामा हुआ। शराब और पेट्रोल व डीजल की कीमतों को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विधानसभा में कार्यवाही के दौरान भाजपा ने ईंधन और शराब के शुल्क सहित कई मुद्दों को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किये। विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने इन स्थगन प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया। इस पर विरोध जताते हुए भाजपा विधायकों ने नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट कर गए।

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सदन में आसनसोल दक्षिण क्षेत्र से भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि राज्य में शराब पर शुल्क कम कर दिया गया है, लेकिन सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कमी नहीं की है। सिलीगुड़ी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक शंकर घोष ने राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किया। राज्य में बेरोजगारी की स्थिति को लेकर एक अन्य प्रस्ताव भी पेश किया गया। विधानसभा स्पीकर ने इन स्थगन प्रस्तावों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इस पर भाजपा विधायकों ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और हंगामे के बीच सदन से बाहर चले गए।
इस संबंध में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि राज्य में बेरोजगारी की स्थिति खतरनाक है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वर्ग से संबंधित लोगों को नौकरी नहीं दे रही है। शुभेंदु ने सदन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार शराब की कीमतों में 30 प्रतिशत तक की कमी करके राज्य के युवाओं को गलत रास्ते पर ले जाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य के कई परिवारों को बर्बाद कर देगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को पेट्रोल-डीज़ल पर वैट तुरंत कम करना चाहिए क्योंकि रोजमर्रा के वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।

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