प्रधानमंत्री ने माँ गंगा में लगाई डुबकी, भगवान सूर्य को दिया अर्घ्य

  • श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर में प्रधानमंत्री का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्वागत
  • बाबा के जलाभिषेक के लिए पैदल ही निकले मोदी
  • खिड़किया घाट से प्रधानमंत्री ललिता घाट अलकनंदा क्रूज से पहुंचे
  • गंगा किनारे सुंदरीकरण कार्यों का भी किया अवलोकन

वाराणसी : श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पूर्व सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ललिता घाट के जेटी के समीप पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। प्रधानमंत्री ने माँ गंगा को स्मरण कर भगवान सूर्य को कलश से जल दिया। प्रधानमंत्री ने माँ गंगा के अविरलता निर्मलता के अपने संकल्प को साकार करते हुए देश के लिए मंगलकामना की। फिर कलश में गंगा जल लेकर बाबा के गर्भगृह के लिए पैदल रवाना हुए। धाम की राह में डमरूओं के निनाद, मंगलाचरण और वैदिक ऋचाओं के सस्वर पाठ से प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया।

इसके पूर्व बाबा कालभैरव का दर्शन पूजन करने के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ खिड़किया घाट पहुंचे। घाट पर हुए सुंदरीकरण कार्यों का अवलोकन करते हुए प्रधानमंत्री इसकी जानकारी भी लेते रहे। यहां से प्रधानमंत्री अलकनंदा क्रूज में सवार होकर श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के लिए ललिताघाट पहुंचे। प्रधानमंत्री का जेटी पर भव्य स्वागत किया गया। यहां प्रधानमंत्री को गंगाजल सहित देश की अन्य पवित्र नदियों के जल का घड़ा सौंपा जाएगा।

प्रधानमंत्री जल लेकर पैदल ही मंदिर चौक होते हुए सीधे बाबा के गर्भगृह में जाएंगे। वहां 11 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा महादेव का जलाभिषेक व विधिवत पूजन-अर्चन कराया जाएगा। इसके बाद ही प्रधानमंत्री धाम का लोकार्पण करेंगे। धाम के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री परिसर में भ्रमण कर उसकी छटा देखेंगे। इसके बाद वहां आयोजित अन्य कार्यक्रमों में भाग लेंगे। संतों को सम्बोधित करेंगे।

इस दौरान श्री श्री रविशंकर, तिष्पीगठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती प्रयागराज से, विजयेंद्र सरस्वती महाराज कांची से, मणिरामदास महाराज अयोध्या से, स्वामी विवेकानंद महाराज मेरठ, आचार्य अवधेशानंद महाराज हरियाणा, स्वामी रामभद्राचार्य महाराज चित्रकूट, स्वामी वासुदेवाचार्य अयोध्या, स्वामी वियोगानंद महाराज गुजरात, स्वामी रामेश्वरदास ऋषिकेश आदि की खास मौजूदगी है।

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