कोलकाता : महंगाई भत्ता (डीए) की मांग पर पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों की ओर से शुक्रवार को आहूत हड़ताल का बहुत अधिक असर नहीं हुआ है। राज्य सचिवालय नवान्न, विकास भवन और राइटर्स बिल्डिंग में कर्मचारियों की उपस्थिति सामान्य है। दूसरी ओर आंदोलनरत कर्मचारियों का दावा है कि पूरे राज्य में हड़ताल के कारण दफ्तरों में कार्य पर काफी असर पड़ा है।

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सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संग्रामी संयुक्त मंच के नेता तापस चक्रवर्ती ने कहा कि हड़ताल का व्यापक प्रभाव पड़ा है। खाद्य भवन, न्यू सेक्रेटेरियट, राइटर्स बिल्डिंग में कर्मचारियों की उपस्थिति कम है। वहीं सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस से जुड़े संगठन कर्मचारी फेडरेशन के नेता मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि सचिवालय से लेकर हर एक सरकारी दफ्तर में कर्मचारियों की उपस्थिति सामान्य है। हड़ताल का समर्थन करने वाले संगठनों के आह्वान को सरकारी कर्मचारियों ने नकार दिया है।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की सुबह से ही बंद के समर्थन में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन की सूचनाएं मिलीं। वामपंथी कर्मचारी संगठनों ने कई सरकारी दफ्तरों में जबरदस्ती हड़ताल की कोशिश की है। स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को बंद करने की कोशिश की गई। हावड़ा के कई प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति के बावजूद शिक्षकों ने क्लास नहीं ली है। हुगली में भी इसी तरह से स्कूलों को बंद करवाने का आरोप लगा है।

उत्तर बंगाल में भी बंद का बहुत अधिक असर नहीं है। सुबह कूचबिहार के जिलाधिकारी और बीडीओ ऑफिस को बंद करने की कोशिश की गई। मेन गेट को बंद कर सेलो टेप से चिपकाने की कोशिश हुई लेकिन बाद में इसे खोल दिया गया। सिलीगुड़ी कॉलेज के सामने भी आंदोलनरत कर्मचारियों ने बंद को सफल बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू किया। उन्हें छात्र संगठन डीएसओ का भी साथ मिला लेकिन बाद में पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत करवाया।

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