कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव जुलाई महीने के मध्य में हो सकता है। चुनाव आयोग ने इसके संकेत दिए हैं। हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। संबंधित पर्यवेक्षकों के अनुसार, मतदान की अंतिम तिथि समग्र वातावरण पर निर्भर करेगी।

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संबंधित सूत्रों के अनुसार, पंचायत चुनाव के समय के रूप में जुलाई के दूसरे सप्ताह से पहले तैयारी करने के लिए सत्ताधारी पार्टी के के कई मंत्रियों और जिला स्तर के नेताओं को पहले ही संदेश जा चुके हैं।

नए राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार के हालिया कदम से प्रशासन के भीतर यह अटकलबाजी तेज हो गई है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को 18 मई को नवान्न ने नया राज्य चुनाव आयुक्त चुना था। संबंधित फाइल राजभवन को मंजूरी के लिए भेजी गई थी। हालांकि सूत्रों का दावा है कि राजभवन की ओर से शुक्रवार तक इस बारे में कोई संदेश नहीं आया है। नवान्न के अंदरूनी सूत्र ने बताया कि अगर आज यानी शुक्रवार तक संदेश प्राप्त नहीं होता है, तो आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

इस घटना में जहां एक तरफ यह सवाल उठता है कि क्या राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच फिर टकराव पैदा होगा। आरोप लग रहे हैं कि पंचायत चुनाव को टालने के लिए राज्यपाल सहमति नहीं दे रहे हैं।

इस संदर्भ में चुनाव विशेषज्ञों के एक धड़े ने कहा कि एके सिंह के राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद कई दिनों से खाली था। उसके बाद सचिवालय ने सौरभ दास को नियुक्त किया है। दास से जुड़े करीबी सूत्रों ने बताया है कि जुलाई महीने के मध्य में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी करने का निर्देश प्रशासन को भी दिए गए हैं। हालांकि आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन अंदर खाने इसकी तैयारियां चल रही हैं।

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