कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है जिसमें दावा किया है कि भाजपा में जिन लोगों को जिले में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंडल सभापति जैसे पद मिल जाते हैं वे नेता जमीनी स्तर पर जुड़े सामान्य कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं देते। यहां तक कि सहज तरीके से ना मिलते हैं और ना ही सीधे मुंह बात करते हैं जबकि यही नेता जब पद से हटा दिया जाते हैं तो खुद को मीठी-मीठी बातें करने वाले नेता के तौर पर साबित करने की कोशिश करते हैं।

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फेसबुक पर उन्होंने लिखा है, “हमारी पार्टी में एक विशेष परिपाटी बन गई है। कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर जिला एवं मंडल अध्यक्ष जब पद पर रहते हैं तो घमंड में चूर रहते हैं। कार्यकर्ताओं से सहज तरीके से मिल तक नहीं पाते। जैसे ही पद से हट जाते हैं तो वे मीठी-मीठी बातें करने लगते हैं। कोई सामान्य कार्यकर्ता भी मिले तो उसे गले लगाने लगते हैं।”

हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह उनका निजी अनुभव है। बाकी लोग भी ऐसा महसूस कर सकते हैं या नहीं भी कर सकते हैं।

हाजरा के इस फेसबुक पोस्ट को लेकर एक बार फिर पार्टी असहज स्थिति में आ गई है। राजनीतिक नेताओं को निर्देश रहते हैं कि अगर पार्टी के खिलाफ कुछ बोलना है तो पार्टी फोरम में ही बात रखी जाए। सोशल मीडिया अथवा सार्वजनिक तौर पर कुछ कहने पर समस्या के समाधान के बजाय विपक्ष को बेवजह सवाल खड़ा करने का मौका मिलता है। बावजूद इसके अनुपम हाजरा इसके पहले भी लगातार सार्वजनिक मंच पर इस तरह की बयानबाजी करते रहे हैं। इसके पहले उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ भी इसी तरह से मोर्चा खोला था।

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