नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास पर पहुंचकर दिल्ली पुलिस की ओर से दिए गए नोटिस को पार्टी ने राजनीतिक प्रतिशोध का एक नया माध्यम बताया है। पार्टी नेताओं ने कहा है कि सरकार अडानी मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है।

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कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी महासचिव जयराम रमेश, नेता अभिषेक मनु सिंघवी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को एक संयुक्त प्रेस वार्ता कर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को केंद्र के इशारों पर किया गया कृत्य बताया। सिंघवी ने कहा कि आज उत्पीड़न, धमकाने और राजनीतिक प्रतिशोध लेने का एक नया आयाम जोड़ा गया है। राहुल को 45 दिन पहले की गई बात पर 3 दिन में दो बार नोटिस दिया गया। राहुल पहले ही कह चुके थे कि वह शीघ्र ही इस पर जवाब देंगे।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि एक नेता के तौर पर हम कई यात्राएं, जनसभाएं और रैलियां करते हैं। इसमें हम जनता से मिल रहे फीडबैक को आगे जनता के बीच ही रखते हैं। ऐसे में उनके आधार पर पुलिस कार्रवाई अपने आप में अनोखी है। देश के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

जयराम रमेश ने कहा कि विपक्ष की 16 पार्टियां एकमत होकर अडानी मुद्दे पर जेपीसी की जांच चाह रही हैं। केंद्र सरकार को हमारी यह मांग माननी ही होगी। जब से राहुल गांधी ने संसद में इस संबंध में भाषण दिया है सरकार किसी ना किसी बहाने से उनके खिलाफ अभियान चला रही है। पहले उनके लंदन में दिए बयान को गलत तरीके से पेश कर किया गया और अब उनके खिलाफ यह नोटिस जारी किया गया है।

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