कोलकाता : पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ विधानसभा क्षेत्र से इंडिया सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है। उन्होंने राज्य पर गैरकानूनी तरीके से उन्हें अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया है।

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सिद्दीकी के वकील फिरदौस शमीम ने याचिका दायर करते हुए राज्य पुलिस पर उनके मुवक्किल के मामले में अति सक्रिय होने का आरोप लगाया है। उन्होंने उस कानूनी प्राधिकार पर भी सवाल उठाया जिसके आधार पर राज्य पुलिस एक निर्वाचित विधायक को निर्वाचन क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक सकती है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ ने याचिका स्वीकार कर ली है। इस सप्ताह के दौरान किसी भी दिन मामले की सुनवाई होगी।

आठ जून को त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के लिए मतदान की तारीख घोषित होने के बाद से भांगड़ में काफी हिंसा हुई। आईएसएफ और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच झड़प के बाद भांगड़ में कुल मिलाकर चार लोगों के हताहत होने की खबर है।

बाद के चरण में भांगड़ में धारा 144 लागू कर दी गई और विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर बैरिकेड्स लगा दिए गए।

रविवार को, जैसे ही सिद्दीकी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की, उन्हें वहां मौजूद एक विशाल पुलिस दल ने रोक दिया। आईएसएफ विधायक की मौके पर मौजूद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ तीखी बहस भी हुई।

यहां तक कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बात करने के सिद्दीकी के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया गया। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने विधायक को स्पष्ट रूप से बताया कि भांगड़ में तब तक प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा सकती जब तक कि इस संबंध में उच्च अधिकारियों से अगले निर्देश नहीं मिलते। जिद पर अड़े सिद्दीकी रविवार सुबह से दोपहर तक वहीं इंतजार करते रहे और आखिरकार वापस लौटे।

सोमवार सुबह उन्होंने पुलिस पर जानबूझकर उन्हें अपने ही विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की है।

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