इतिहास के पन्नों में 26 मईः जब मोदी ने कहा था, हमेशा देश के लिए जिऊंगा

वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय नेता के रूप में पहचान बनाने वाले नरेन्द्र मोदी ने पहली बार 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर पर सवार भाजपा ने बहुमत के साथ सरकार बनाई। यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम था क्योंकि कई दशकों बाद किसी एक दल को बहुमत मिला था। देश में करीब तीस वर्षों तक चले गठबंंधन की राजनीति से मोहभंग के बाद जनता ने मोदी के नेतृत्व में ऐसा भरोसा जताया कि वे अपना दूसरा कार्यकाल भी पूरा करने वाले हैं।

2014 के लोकसभा चुनाव में अकेले 282 सीटें जीतकर बहुमत हासिल करने वाली भाजपा ने एनडीए के सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार का गठन किया और नरेन्द्र मोदी ने 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले 16 मई को जब चुनावी नतीजे घोषित हुए तो नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया- भारत जीत गया है, अच्छे दिन आने वाले हैं।

इसके बाद 21 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी संसदीय दल के नेता चुने गए। संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने नरेन्द्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका सुषमा स्वराज, मुरली मनोहर जोशी, नितिन गडकरी, अरुण जेटली, वेंकैया नायडू और मुख्तार अब्बास नकवी ने समर्थन किया। इस मौके पर मोदी ने भावुक होते हुए कहा था कि मैं अपने लिए कभी नहीं जिऊंगा, हमेशा इस देश के लिए जिऊंगा।

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