देश-दुनिया के इतिहास में 12 मार्च की तारीख तमाम अहम कारणों से दर्ज है। 1930 में शुरू हुआ दांडी मार्च भी इसमें शामिल है। इस मार्च को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का अहम पड़ाव माना जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसी साल 12 मार्च को अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से नमक सत्याग्रह के लिए दांडी यात्रा शुरू की थी। इस मार्च के जरिए बापू ने अंग्रेजों के बनाए नमक कानून को तोड़कर उस सत्ता को चुनौती दी जिसके बारे में कहा जाता था कि उसके साम्राज्य का सूरज कभी नहीं डूबता है।

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इस आंदोलन के माध्यम से महात्मा गांधी ने देश के आम नागरिकों को एक मंच पर लाकर अंग्रेजी सत्ता के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी थी। दांडी मार्च को नमक मार्च या दांडी सत्याग्रह के रूप में भी इतिहास में जगह मिली है। यह ऐतिहासिक सत्याग्रह साबरमती आश्रम से समुद्र तटीय गांव दांडी तक (390किलोमीटर) किया गया था। सत्याग्रहियों ने अंग्रेजों की लाठियां खाईं। इस आंदोलन में कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया। इनमें सी. राजगोपालचारी, पंडित नेहरू जैसे आंदोलनकारी शामिल थे। यह सत्याग्रह पूरे एक साल चला।

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