कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए हुगली जिले के निष्कासित युवा तृणमूल नेता कुंतल घोष ने सोमवार को अलीपुर कोर्ट में पेशी के समय एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने एक बंद लिफाफा मीडिया कर्मियों को दिखाया और कहा है कि इसमें सबूत है। मैं कोर्ट को देने जा रहा हूं। ईडी ने मुझ पर दबाव बनाकर झूठ बुलवाया है।

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हालांकि क्या कुछ झूठ बुलवाया गया है अथवा उस लिफाफे में उन्होंने क्या रखा है इस बारे में खुलासा नहीं किया। दोपहर के समय अलीपुर की विशेष सीबीआई कोर्ट में कुंतल को पेश किया गया है। यहां प्रवेश करने के समय ही जब वह गाड़ी से उतर रहे थे तब मीडिया कर्मियों को देखकर यह लिफाफा दिखलाया है। उन्होंने कहा कि इस लिफाफा में क्या है यह केवल न्यायालय को दिखाऊंगा। इसके बाद सीधे कोर्ट के अंदर जा पहुंचे।

उल्लेखनीय है कि इसी तरह से एक बार पहले कुंतल घोष ने दावा किया था कि ईडी ने उन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव बनाया था। हालांकि इसे लेकर जब हाई कोर्ट ने सीबीआई को विशेष तौर पर जांच करने का आदेश दिया तो कुंतल खामोश हो गए।

इस मामले में कोर्ट को गुमराह करने के आरोप में हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने कुंतल पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि वह निचली अदालत में ईडी के खिलाफ तथ्य दे सकते हैं। उसी के मुताबिक सोमवार को पेशी के समय वह बंद लिफाफे में दस्तावेज लेकर पहुंचे हैं।

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