विजयादशमी पर क्षत्रिय समाज ने की शस्त्र पूजा

कोलकाता : विजयादशमी के अवसर पर भारत क्षत्रिय समाज की ओर से हरीश मुखर्जी रोड स्थित समाज के कार्यालय में शस्त्र पूजन समारोह आयोजित किया गया।

‘गर्व है कि हम क्षत्रिय हैं’ के उद्घोष एवं संकल्प के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने बढ़-चढ़ कर इसमें हिस्सा लिया।

आज के कार्यक्रम में कोषाध्यक्ष राजेश सिंह एवं अमरनाथ सिंह, द्वारा परम्परागत तरीके से शस्त्र की पूजा के साथ माँ दुर्गा की स्तुति की गयी और विश्व शांति व मानव कल्याण के लिए पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार किए गए।

लोकप्रिय पूर्व विधायक संजय बक्सी, पार्षद सत्येंद्र सिंह (महेशतल्ला – 1) की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया गया। दीप प्रज्ज्वलन में मुख्य संरक्षक अरविंद सिंह, चेयरमैन राजगृही सिंह, वाइस चेयरमैन पारस नाथ सिंह, प्रहलाद सिंह, दिलीप सिंह, सत्येंद्र सिंह, डा. हरेंद्र सिंह, शेखर सिंह, राघवेन्द्र सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह, अधिववक्ता मनोज मल्होत्रा, महासचिव मनोज सिंह “आदर्श” संयुक्त सचिव मिलन सिंह, उदय प्रताप सिंह, युवा अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह पर उपस्थित रहे।
गण्यमान्य अतिथियों ने अपने भाषण में समाज के वर्तमान एवं विगत कार्यों पर वृहद् प्रकाश डाला।

मुख्य संरक्षक अरविंद सिंह ने अस्त्र और शस्त्र की भिन्नता का वर्णन किया और कहा कि वर्तमान में शस्त्र पूजा केवल अपने संस्कारों के प्रति समर्पण मात्र है। शस्त्र आपके अधिकारों व साथ ही साथ आपके कर्तव्यों का भी बोध कराता है। ये आपके समाज, सरकार व देश के प्रति आपकी जिम्मदारियों का बोध कराता है। किसी निर्बल के प्रति होने वाले अन्याय के विरुद्ध यदि आप आवाज़ उठाने की हिम्मत कर पाते हैं तो इस पूजा का महत्व है। अन्याय का विरोध करने के क्रम में आपको शस्त्र नहीं उठाना है, निर्भीक होकर सबसे पहले संवैधानिक तरीक़े से उसका विरोध करना है। समाज में होता हुआ हर अन्याय आपका निजी मामला है विरोध कीजिए, प्रशासन की मदद लीजिए और कीजिए। तब तो सही मायने में इस पूजन का महत्व है। युवा संयाजक सुनील सिंह पप्पू, ने कहा कि आज पारम्परिक शस्त्रों की जगह अब कलम ने ले ली है।

ज्ञान का अर्जन ही सही मायने में शस्त्र धारण है, बच्चों और युवाओं में क्रीड़ा व कसरत के प्रति रुझान पर बल दिया। उन्होंने कहा कि युवा जब शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे तब कहीं जाकर एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर पाएँगे। आपको आज से ही जागरूक होना है क्योंकि यदि आप आज जागरूक होंगे तब कहीं जाकर वर्षोंपरांत इसका सकारात्मक प्रभाव दिखेगा इसलिए आज से ही आपको पढ़ने लिखने व शारीरिक तंदुरुस्ती हेतु जुट जाना है।

संस्था के उपाध्यक्ष सुजीत सिंह ने समापन भाषण में सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। समाज के सभी कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों को सहयोग के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया। आपने कहा कि ऐसी काबिल टीम पाकर मैं गर्व का अनुभव करता हूँ। समाज की क्षत्राणि सदस्य मानसी सिंह, संजू सिंह के साथ कुंवर श्रेयांश सिंह, कुंवर युग सिंह सहित अखिलेश सिंह राय बहादुर सिंह, बृजेश सिंह कस्बा, संजय सिंह, जसवंत सिंह, राधे श्याम सिंह, संतोष सिंह, लक्ष्मी नारायण सिंह, राजेश कुमार सिंह, मनोज सिंह हावड़ा, संजय सिंह, सुशील सिंह, अजय सिंह, संजीत सिंह, रमेश सिंह, संतोष सिंह, मंदीप सिंह, शिव कुमार सिंह, परबिंदर सिंह, विक्की सिंह, रितेश जायसवाल, अनुपम सिंह, विक्रम सिंह, संजीव सिंह, जय प्रकाश सिंह, संजीत सिंह, शैलेंद्र सिंह, विनय सिंह, रमेश सिंह, संकल्प सिंह, सुमित सिंह, हरेंद्र सिंह, सुधांशु सिंह, दिना नाथ पांडेय, अख्तर, नवीन राउत, गौतम राउत, मुन्ना साव, संयोजक मनोज कुमार सिंह ने सभी कार्यकर्ताओं एवं सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया। इसमें बैरकपुर क्षत्रिय समाज, टीटागढ़ क्षत्रिय समाज, कलकता क्षत्रिय समाज, रिसड़ा जागरण मंच, क्षत्रिय चेतना मंच से रामायण सिंह, जय सिंह, संजय सिंह, विजय कुमार सिंह, मनिंद्र सिंह मुन्ना, अखिलेश सिंह, रविंद्र सिंह, विजय कुमार सिंह, नंदजी सिंह, क्षत्रानी उपासना सिंह, पुतुल सिंह, कृष्णा सिंह, भरत सिंह, राकेश सिंह राणा, दारा सिंह, ललन सिंह इत्यादि की उपस्थिति में संयोजक मनोज सिंह ने खुल कर कहा कि समय-समय पर प्रमाणित हुआ है कि आवश्यकता पड़ने पर क्षत्रिय जहाँ देश की सीमाओं की सुरक्षा हेतु रक्त क्षरण से पीछे नहीं हटता वहीं वो समाज में हो रहे अन्याय के विरोध के लिए भी शस्त्र उठाने में भी अग्रणी रहा एवं रहता है, ये क्षत्रियों के जुझारूपन को दर्शाता है तथा समाज के इस सफल कार्यक्रम हेतु कार्यकर्ताओं एवं उपस्थित साथियों को उन्होंने बधाई दी।

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