भारतीय शिक्षाविद्, विधायक, सर्जन और समाज सुधारक रहीं डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने जीवन भर महिला अधिकारों के लिए संघर्ष किया। 30 जुलाई 1886 में तमिलनाडु में पैदा हुईं मुथुलक्ष्मी रेड्डी भारत की पहली महिला विधायक और पहली महिला सर्जन (मेडिकल ग्रेजुएट) थीं।

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उन्होंने मंदिरों से देवदासी प्रथा के उन्मूलन, बाल विवाह रोकथाम कानून और महिला व बच्चों की तस्करी रोकने के लिए कानून बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कैंसर से बहन के निधन के बाद 1954 में उन्होंने चेन्नै में कैंसर इंस्टीट्यूट की शुरुआत की जो आज दुनिया के बड़े कैंसर अस्पतालों में शामिल है।

यहां हर साल हजारों की संख्या में कैंसर रोगियों का इलाज होता है। साल 1956 में भारत सरकार ने उनके उल्लेखनीय सेवा कार्यों के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया। 1968 में 81 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

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