कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय ने बांग्ला प्रथम वर्ष के छात्र की रैगिंग की वजह से छत से गिरकर मौत को लेकर जारी विवाद पर विराम लगाने के लिए विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार स्नेह मंजू बसु ने नई निर्देशिका जारी की है। इसमें स्पष्ट किया है कि रात के समय विश्वविद्यालय में केवल वही लोग प्रवेश कर पाएंगे जिनके पास विश्वविद्यालय में मौजूदा छात्र का आई कार्ड होगा। यानी दिन के समय कोई भी प्रवेश कर सकता है। रजिस्ट्रार को लगता है कि विश्वविद्यालय में केवल रात के समय अवैथ तरीके से पूर्व छात्र अथवा बाहरी लोग प्रवेश करते हैं और केवल रात को रैगिंग होती है।

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जबकि हाल में हुई पूछताछ में पता चला है कि सारा दिन विश्वविद्यालय में रैगिंग और नशे का कारोबार चलता रहता है। नई निर्देशिका में कहा गया है कि रात 8:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने के लिए आई कार्ड बाध्यतामूलक है। अगर कोई बाहरी व्यक्ति जाएगा तो उसे अपना पूरा परिचय लिख कर जाना होगा। वैलिड आई कार्ड जमा करना होगा। किसके पास किस काम से जा रहा है यह बताना होगा।

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इसका मतलब है कि रात में भी कोई प्रवेश कर सकेगा। अगर उसके पास पहचान पत्र हो तो अंदर जाकर वह क्या कुछ करता है यह किसी घटना के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। इसके अलावा अगर कोई गाड़ी से आता है तो चालक का परिचय और गाड़ी का डिटेल भी नोट किया जा सकता है। इसी तरह के कई अन्य नियम लागू किए गए हैं लेकिन कोई भी नियम ऐसा नहीं है जो बाहरी लोगों के अवैध प्रवेश को रोक सके।

उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में छात्र की मौत की घटना को लेकर राज्य बाल अधिकार रक्षा आयोग ने भी विश्वविद्यालय प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी थी। उस पर भी रजिस्ट्रार ने जो रिपोर्ट दी थी उसे लेकर आयोग ने तिखी नाराजगी जताई और कहा है कि केवल जिम्मेवारी को टालने की कोशिश की गई है।

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