नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग की है।

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खड़गे ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि सरकार इस मसले की जांच के लिए जेपीसी का गठन करेगी क्योंकि यह सरकार किसी से डरती नहीं है।

हालांकि सदन में खड़गे की इस मांग पर सत्ता पक्ष की ओर से जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि किसी मुद्दे पर जेपीसी तब बैठती है जब आरोप सिद्ध हो जाए। किसी निजी व्यक्ति के मुद्दे पर जेपीसी नहीं बैठाई जाती है।

खड़गे ने सदन में प्रधानमंत्री के लगातार चुनावी दौरे को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने पीएम मोदी के हालिया कुलबर्गा दौरे पर चुटकी लेते हुए कहा कि पीएम मोदी अब उनके पीछे पड़ गए हैं। खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी ने उनके संसदीय क्षेत्र में कल दो-दो मीटिंग की है, खड़गे के इस बयान पर पूरा सदन हँस पड़ा।

खड़गे ने अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलने के बजाय मोदी सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश में इस वक्त 30 लाख पद खाली हैं। सरकार इनमें भर्तियां क्यों नहीं कर रही है? सरकार को पब्लिक सेक्टर को मजबूत करना चाहिए लेकिन वह चंद उद्योगपतियों को बढ़ा रही है।

खड़गे ने कहा कि आज हर जगह नफरत फैल रही है जिसे जनता के प्रतिनिधि ही बढ़ावा दे रहे हैं। पीएम मोदी को इन्हें रोकना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकारी उपक्रमों का निजीकरण कर सरकार लोगों की नौकरियां छीन रही है। युवाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है।

खड़गे ने अपने संबोधन में बार-बार अडानी समूह पर आरोप लगाए और सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जान-बूझकर अडानी समूह को लाभ पहुंचा रही है। हालांकि खड़गे के इस आरोप पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आपत्ति जताई और साफ कहा कि सदन में तर्क और तथ्य पर ही बात होनी चाहिए।

धनखड़ ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर कहा कि किसी विदेशी संस्थानों के आरोपों को हमें इतनी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। हमें अपने संस्थानों पर भरोसा रखना चाहिए।

खड़गे ने अडानी समूह पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसकी संपत्ति ढ़ाई साल में 13 गुना बढ़ गई है। यह बिना सरकार के मदद के संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि गुजरात में एक किसान को एसबीआई 31 पैसे बकाया होने के कारण एनओसी नहीं देती है लेकिन अडानी समूह को को लाखों करोड़ का कर्ज मिल जाता है।

उन्होंने कहा कि देश में 41 फीसदी शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। इन्हें भरा नहीं जा रहा है। गरीब और गरीब होता जा रहा है और अमीर और अमीर हो रहा है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। सरकार इन मुद्दों पर संवाद ही नहीं करती है।

उन्होंने अपने भाषण के अंत में जेपीसी की मांग को पुन: दोहराते हुए वीरेन्द्र वत्स की लाइन ”नजर नहीं है नजारों की बात करते हैं, जमी पर चांद सितारों की बात करते हैं” को दोहराते हुए मोदी सरकार की आलोचना की।

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