इतिहास के पन्नों में : 28 जनवरी – विज्ञान और संगीत का बेजोड़ फ्यूजन

ऐसा वैज्ञानिक जो नाभिकीय विस्फोट का माहिर था लेकिन उसका मन क्लासिकल पियानो की सुरमयी लहरों में रमता था। विज्ञान और संगीत, दोनों ही राजा रामन्ना के दिल के बेहद करीब थे।

राजा रामन्ना भारत के पहले परमाणु परीक्षण के सूत्रधार थे। पहला नाभिकीय विस्फोट का परीक्षण 18 मई 1974 में राजस्थान के पोखरण में किया गया। इसका श्रेय राजा रामन्ना और उनके सहयोगियों को दिया जाता है। कमाल की बात यह कि इससे पहले 1956 में राजा रामन्ना पाकिस्तान के ‘नेशनल एकेडमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स’ के बुलावे पर न केवल वहां गए बल्कि क्लासिकल पियानो पर उन्होंने अपना ज्ञानपूर्ण वक्तव्य देकर श्रोताओं के समक्ष पियानो में अपनी महारत की बानगी भी पेश की।

पद्म भूषण से सम्मानित भारतीय परमाणु वैज्ञानिक राजा रामन्ना 28 जनवरी 1924 को कर्नाटक के टुम्कुर में पैदा हुए। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई मैसूर और बंगलुरु से की थी। मद्रास क्रिश्चयन कॉलेज से बीएससी (ऑनर्स) करने के बाद वे इंग्लैंड चले गए जहां उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज से न्यूक्लियर फिजिक्स में टाटा स्कॉलर के तौर पर डॉक्टरेट किया। इसी दौरान 1947 में डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा लंदन में थे और राजा रामन्ना उनसे बेहद प्रभावित भी। लिहाजा, रामन्ना ने उनसे मिले और भाभा ने उन्हें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) में नौकरी की पेशकश की।

1948 में रामन्ना ने पीएचडी पूरी करने के बाद टीआईआफआर ज्वाइन किया। यहीं से उनके जीवन को नया विस्तार मिला। विदेशों में शानदार नौकरी के अवसर होते हुए भी उन्होंने अद्भुत देशप्रेम दिखाया। भारत में साइंस एवं टेक्नोलॉजी की ऐसी मजबूत बुनियाद रखने वालों में शामिल हो गए जिनके योगदान को कभी भुलाया न जा सकेगा। उन्होंने न्यूट्रॉन, न्यूक्लियर और रिएक्टर फिजिक्स में प्रमुख योगदान दिया।

राजा रामन्ना से जुड़ा एक किस्सा यह भी है कि 1978 में वे इराक की यात्रा पर गए, जहां उनकी मुलाकात तानाशाह सद्दाम हुसैन से हुई। इस मुलाकात में सद्दाम हुसैन ने रामन्ना के समक्ष इराक के न्यूक्लियर प्रोग्राम की कमान संभालने की पेशकश कर दी। सद्दाम हुसैन इसकी कोई भी कीमत देने को तैयार था। हैरान रामन्ना ने सद्दाम हुसैन की इस पेशकश को सिरे से नकार दिया।

राजा रामन्ना को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए पद्म विभूषण सम्मान सहित, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, आरडी मेमोरियल अवॉर्ड सहित कई विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गयी। 24 सितंबर 2004 को दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में इस महान वैज्ञानिक का निधन हो गया।

अन्य अहम घटनाएं:

1865ः महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय का जन्म।

1899ः फील्ड मार्शन केएम करिअप्पा का जन्म।

1926ः संस्कृत के प्रकांड विद्वान, भाषाविद्, संपादक विद्यानिवास मिश्र का जन्म।

1930ः मेवाती घराने से ताल्लुक रखने वाले सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का जन्म।

1984ः हिंदी फिल्मों के जाने-माने फिल्म अभिनेता, निर्माता और निर्देशक सोहराब मोदी का निधन।

2007ः जाने-माने फिल्म संगीतकार ओपी नैयर का निधन।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

− 6 = 4