माँ की मौत और पिता के जेल में होने पर हाई कोर्ट ने पड़ोसी को बनाया अभिभावक

Calcutta High Court

कोलकाता : बच्चे के जन्म के कुछ दिन बाद ही माँ के आत्महत्या करने और पिता के जेल में होने पर हाई कोर्ट ने बच्चे की माँ की सहेली पड़ोसी महिला को उसका अभिभावक बनाया है। साथ ही समय-समय पर पिता को मुलाकात का अधिकार भी दिया है।

बताया गया कि बच्ची साढ़े चार साल की है। 2016 में बच्चे की माँ ने आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पिता को जेल भेज दिया गया था। तभी से बच्चा पड़ोस में अपनी माँ की सहेली काजल साहा के साथ रहता था। जेल में बंद पिता ने बच्चे की कस्टडी का दावा करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विभास पटनायक और न्यायमूर्ति जयमाल्या बागची के खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने बच्चे को पड़ोसी महिला को अभिभावक बनाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि जब तक बच्चा 15 साल का नहीं हो जाता, तब तक वह काजल के साथ रहेगा। 15 साल की उम्र के बाद, वह तय कर सकता है कि वह किसके साथ रहेगा।

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