हाईकोर्ट ने पूछा : क्या आयोग चुनाव न कराने का फैसला करने के लिए स्वतंत्र है?

Calcutta High Court

कोलकाता : कोरोना की स्थिति में हो रहे नगर निगम चुनाव के खिलाफ लगाई गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य में कंटेनमेंट जोन की संख्या और प्रभावित मरीजों की संख्या के बारे में राज्य को सूचित करने को कहा है। वादी ने मुख्य न्यायाधीश के खंडपीठ में मामले की सुनवाई में चुनाव स्थगित करने की मांग की। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को है।

आज की सुनवाई में वादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने सवाल किया कि क्या कोरोना के बिगड़ते हालात को देखते हुए मतदान स्थगित कर दिया जाए। गंगासागर मेले को टालना संभव नहीं है लेकिन मतदान टाला जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य चुनाव आयोग दिशा-निर्देश बनाकर अपनी जिम्मेदारी से खुद को मुक्त नहीं कर सकता।

आयोग ने अदालत को सूचित किया कि चुनाव के प्रसार को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। जरूरत पड़ने पर और दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं। राज्य सरकार के परामर्श से दिशा-निर्देशों की समीक्षा के लिए आयोग का गठन हो सकता है।

आयोग से तब अदालत ने पूछा कि क्या वे यह तय करने के लिए स्वतंत्र हैं कि चुनाव स्थगित करना है या नहीं? आयोग के वकील ने कहा कि मामले पर चर्चा करने के बाद निर्णय की घोषणा की जानी चाहिए। आयोग ने दावा किया कि कहीं भी कोई लॉकडाउन या प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। तो मतदान में समस्या कहां है?

अदालत ने तब निर्देश दिया कि बिधाननगर, चंदननगर, आसनसोल और सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्रों में जहां मतदान होना है वहां पीड़ितों की कुल संख्या और नियंत्रण क्षेत्रों की संख्या की सूचना दी जाए। अगले गुरुवार को मामले की फिर सुनवाई होगी।

उल्लेखनीय है कि बिधाननगर, चंदननगर, आसनसोल और सिलीगुड़ी नगरनिगम चुनाव के लिए 22 जनवरी को मतदान होना है।

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