नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित ‘राज्यपाल सम्मेलन-2021’ में करोना के खिलाफ लड़ाई में राज्यपालों और उप राज्यपालों के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि राज्यपालों ने कोरोना के दौरान सक्रिय रूप से काम किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उप राज्यपालों का 51वें सम्मेलन शुरू हो गया। राष्ट्रपति कोविन्द की अध्यक्षता में आयोजित होने वाला यह चौथा सम्मेलन है। सम्मेलन में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों और उप राज्यपालों के अलावा उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए।

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अमित शाह ने राज्यपालों के सम्मेलन में पहली बार शामिल होने वाले राज्यपालों और उप राज्यपालों का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना के चलते दो साल बाद यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने कोरोना का सफलतापूर्वक सामना किया है। आज सौ करोड़ टीकाकरण के साथ हम कोविड की छाया से लगभग बाहर आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत की इस उपलब्धि की दुनिया के तमाम देश सराहना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री ने 20 बार सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया। साथ ही राज्यपालों के साथ भी समय-समय पर चर्चा की। कोरोना योद्धाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रम किये गये। शाह ने आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर राज्यपालों के सम्मेलन की महत्ता बताते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव को हम ज्यादा से ज्यादा उत्साह से मनायें और जन भागीदारी अधिक से अधिक सुनिश्चित करें। जन भागीदारी सुनिश्चित करने में राज्यपालों का भी अहम योगदान हो सकता है।

नई शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय भाषाओं को शक्ति देने के लिए नई शिक्षा नीति में अनेक प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने देश के तमाम विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति को लागू करने में राज्यपालों के सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि राज्यपाल नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाएंगे।

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