कोलकाता : पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंकशाल कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया है कि शिक्षकों की गैरकानूनी नियुक्ति के लिए एक पूरा गिरोह चलता था। इसके मुखिया प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष मानिक भट्टाचार्य थे। उन्हीं की निगरानी में सारी प्रक्रियाएं होती थी। इसमें पेपर जांचने से लेकर नियुक्ति के लिए जिम्मेवार अधिकारियों तक को उनका हिस्सा दिया जाता था।

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ईडी ने कोर्ट में बताया है कि ओएमआर शीट पर गुप्त कोड अंकित किया जाता था जिससे यह स्पष्ट हो जाता था कि उस परीक्षार्थी को गैरकानूनी तरीके से नियुक्त करना है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि 2800 से अधिक ऐसे ओएमआर शीट बरामद किए गए हैं जिन पर गुप्त कोड दर्ज किया गया था।

ईडी के अधिवक्ता फिरोज इडुलजी जी ने बताया कि गुप्त कोड बेहद खास तरीके से डिजाइन किया गया था जो पेपर जांचने से लेकर नियुक्ति भ्रष्टाचार में शामिल हर व्यक्ति के पास रहता था। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि ओएमआर शीट पर उत्तर दर्ज करने के लिए जिस गोल निशान का इस्तेमाल किया जाता था वहीं पर गुप्त कोड लिखा जाता था। वर्ष 2012 से 2014 के बीच हुई परीक्षा में इसी तरह से फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति की गई है।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को ही मानिक भट्टाचार्य को कोर्ट में पेश किया गया था जहां से एक बार फिर उन्हें जेल में ही रखने का आदेश दिया गया है। वह पुलिस की गाड़ी में तेज ब्रेक लगने की वजह से चोटिल हो गए हैं।

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