आईएनटीटीयूसी के नाम पर अनुदान!

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दुर्गापुर : दुर्गापुर स्टेशन बस स्टैंड में बस, ऑटो या टोटो के प्रवेश पर 4-4 रुपये की चंदा उगाही का आरोप सामने आया है, वह भी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक संगठन आईएनटीटीयूसी की पर्ची देकर। यह आरोप दुर्गापुर स्टेशन बस स्टैंड में आवागमन करने वाले अधिकतर बस, ऑटो व टोटो चालकों का है। इसके अलावा स्टैंड में परिचालन सहायक कमेटी के कूपन के माध्यम से अलग से 6-6 रुपये की वसूली की जा रही है। 43 नंबर वार्ड के पार्षद चंद्रशेखर बनर्जी का आरोप है कि बस स्टैंड में वसूली का काम 41 नंबर वार्ड के तृणमूल पार्षद व ब्लॉक अध्यक्ष शिपुल साहा के निर्देशानुसार हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिपुल साहा के करीबी रिश्तेदार आनंद राय ने आईएनटीटीयूसी के नाम पर कूपन छपवाकर 4-4 रुपये की वसूली करने की शुरुआत की है, जिसमें शिपुल साहा प्रत्यक्ष रूप से उनकी मदद कर रहे हैं।

नाम न बताने की शर्त पर वार्ड नंबर 3 ब्लॉक तृणमूल के एक युवा नेता ने बताया कि शिपुल साहा के नेतृत्व में इलाका अवैध कामों से भर गया है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन दुर्गापुर स्टेशन बस स्टैंड में 119 ऑटो, 65 टोटो, 120 मिनी बस, 250 बस और रात में विभिन्न जगहों से 120 ऑटो का आवागमन होता है। इनसे प्रतिदिन आईएनटीटीयूसी के कूपन के माध्यम से 4 रुपये, परिचालन सहायक कमेटी के कूपन से 6 रुपये और बस स्टैंड परिसर को स्वच्छ रखने के नाम पर 5 रुपये लिए जाते हैं। इसका सीधा मतलब चालकों को रोजाना 15 रुपये देने होते हैं। मतलब केवल चालकों से रोजाना 10 हजार 110 रुपये की वसूली की जा रही है। दुर्गापुर सब-डिविजन बस वर्कर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ पारियाल, सचिव आनंद राय, कार्यकारी अध्यक्ष शिपुल साहा व बॉडी कमेटी के इंचार्ज संजय घोष हैं। युवा नेता ने बताया कि गीता लॉज में चलाए जा रहे देह व्यवसाय के धंधे का मुख्य संजय घोष ही है और उसी के पास बस स्टैंड में वसूली की पूरी जिम्मेवारी भी है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पार्टी ने शिपुल के खिलाफ कदम नहीं उठाए तो इलाके में असामाजिक कार्य और भी बढ़ेंगे।

श्रमिक नेता प्रभात चटर्जी ने बताया कि श्रमिक संगठन के नाम पर अनुदान मांगने का नियम नहीं है। उन्हें भी कूपन मिला है, जिसके संबंध में उन्होंने पार्टी के नेताओं को अवगत करवाया है। इस मामले के बारे में पूछे जाने पर तृणमूल श्रमिक संगठन के पश्चिम बर्दवान जिलाध्यक्ष अभिजीत घटक ने कहा, ”मुझे श्रमिक संगठन के नाम से 4 रुपये का कूपन मिला है, इस समय मैं त्रिपुरा में हूं। हालांकि जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के नाम पर इस तरह से अनुदान लेने का कोई नियम नहीं है। मामले की खबर मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।”

जिन पर आरोप लगे हैं, उनसे सम्पर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया। उनका पक्ष मिलने पर प्रकाशित किया जाएगा।

 

 

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