डॉक्टरों ने कैदी के पेट से निकला साढ़े छह इंच लंबा मोबाइल फोन

  • बिना किसी चीर-फाड़ के डॉक्टरों ने पेट से निकाला मोबाइल फोन

नयी दिल्ली : राजधानी दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कैदी के पेट से डॉक्टरों ने बिना किसी ऑपरेशन के साढ़े छह इंच लंबा मोबाइल फोन निकाला है। कैदी ने जेल प्रशासन से स्वयं को बचाने के लिए फोन निगल लिया था, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।

राजधानी स्थित जीपी पंत अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सिद्धार्थ श्रीवास्तव एवं डॉ. मनीष तोमर ने मंगलवार को बताया कि बीते 15 जनवरी को मरीज अस्पताल आया था। जांच पूरी करने के बाद मरीज की एंडोस्कोपी करने का निर्णय लिया गया। एंडोस्कोपी में लगे कैमरे के जरिए यह देखा गया कि फोन पेट में किस स्थान पर है। उसके बाद अलग से पाइप लगाकर फोन को धीरे-धीरे खींचते हुए बाहर निकाल लिया।

डॉक्टर ने बताया कि फोन को पेट से बाहर निकालने के बाद जब नापा गया तो उसकी लंबाई सात इंच से थोड़ा कम थी, जबकि चौड़ाई तीन इंच थी। आगे डॉक्टर ने कहा कि अब तक उनकी टीम ऐसे करीब 10 मामले देख चुकी है। अक्सर जेल में बंद कैदी कभी फोन तो हवाई अड्डे पर नशीले salaपदार्थ की पोटलियां निगल लेते हैं। उस सामग्रियों को बगैर किसी ऑपरेशन के बाहर निकालने का अनुभव रहा है।

श्वास और आहार नलिका को बचाना चुनौती

डॉक्टरों के अनुसार इस तरह के मामले काफी जटिल होते हैं। थोड़ी भी चूक होने पर मरीज का काफी नुकसान हो सकता है। पेट से जब किसी भारी वस्तु को ऊपर की ओर निकालते हैं तो हमें श्वास और आहार नलिका दोनों को बचाकर चलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि 50 ग्राम से कम भार वाली वस्तु में यह सावधानी थोड़ी कम होती है, लेकिन 100 ग्राम तक के भार वाली वस्तु में यह काफी बढ़ जाती है। फोन का भार भी करीब 90 से 100 ग्राम के बीच था। श्वास और आहार नलिका दोनों ही काफी मुलायम और संकरी होने के साथ थोड़े स्पर्श से ही इन्हें काफी नुकसान पहुंच सकता है। डॉक्टरों को इन चुनौतियों को स्वीकार किया और करीब एक घंटे की प्रक्रिया के बाद फोन निकालने में सफल हुए।

जुबान को किया सुन्न, फिर मुंह से निकला फोन

डॉक्टरों ने अनुसार, एंडोस्कोपी करने से पहले जुबान और उसके आसपास को सुन्न किया जाता है। इसलिये यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद फोन को पेट से बाहर निकाला गया। डॉक्टरों का कहना है कि तिहाड़ जेल का यह कोई पहला मामला नहीं है। अब तक फोन निगलने के करीब 10 मामले उनके पास आये हैं। वे सभी तिहाड़ जेल से ही जुड़े हैं।

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