डीजल-पेट्रोल की कीमतें कम करने की मांग को लेकर भाजपा का प्रदर्शन, पुलिस से हुआ टकराव

बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को आंदोलन भी नहीं करने दे रही है ममता सरकार : दिलीप घोष

कोलकाता : अन्य राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल में भी डीजल और पेट्रोल समेत अन्य पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य के टैक्स को कम करने की मांग को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया है। पुलिस के रोकने पर भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।

सोमवार को मुरलीधर सेन लेन स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता एकत्रित हुए। यहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने जुलूस के रूप में विधानसभा की ओर रुख किया। पहले से ही सतर्क पुलिस ने सेंट्रल मोड़ पर बैरिकेडिंग पर रोक दिया। यहां पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर टकराव हुआ। बाद में पुलिस ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर लाल बाजार स्थित सेंट्रल लॉक ऑप ले गए है। इस प्रदर्शन में प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, वर्तमान अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, पूर्व केंद्रीय मंत्री देवश्री चौधरी, रितेश तिवारी समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

पुलिस पर कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाते हुए दिलीप घोष ने कहा कि बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को आंदोलन भी नहीं करने दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी लगातार डीजल व पेट्रोल की कीमतों में कमी की मांग करती रही है। अब केंद्र सरकार ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी कर कीमतें घटा दी है तो राज्य सरकारें भी घटा रही है लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ऐसा नहीं करना चाहती है। सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री देवश्री चौधरी ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर ममता बनर्जी केंद्र पर तीखा हमला करती थीं लेकिन दीपावली को जब केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क में कमी कर दी उसके बाद से तृणमूल ने चुप्पी साध ली है।

इस संबंध में पुलिस ने बताया कि भाजपा को इस विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी, बावजूद इसके भाजपा कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली थी।

तृणमूल ने किसा पलटवार

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी डीजल व पेट्रोल की कीमतों को लेकर सस्ती राजनीति कर रही है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जबकि केंद्र सरकार ने महज थोड़ी सी कमी की है। यह दिखावा मात्र है। उसे और अधिक कमी करनी चाहिए।

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