इतिहास के पन्नों में 09 दिसंबरः जब प्रिंस चार्ल्स और प्रिंसेस डायना हुए अलग

देश-दुनिया के इतिहास के पन्नों में 09 दिसंबर तमाम अच्छी और बुरी घटनाओं के रूप में दर्ज है। इतिहास की सबसे चर्चित शाही जोड़ियों में से एक ब्रिटेन के शाही परिवार के प्रिंस चार्ल्स और प्रिंसेस डायना के तलाक का ऐलान इसी तारीख को 1992 में हुआ था। इस शाही जोड़ी के अलग होने का ऐलान खुद तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉन मेजर ने किया था। हालांकि, तलाक के ऐलान के करीब चार साल बाद 28 अगस्त 1996 को चार्ल्स-डायना का औपचारिक तौर पर तलाक हुआ।

चार्ल्स और डायना के तलाक की तरह उनकी सगाई और शादी की भी पूरी दुनिया में चर्चा में रही थी। प्रिंसेस डायना और प्रिंस चार्ल्स की सगाई 24 फरवरी, 1981 को हुई थी। सगाई में डायना ने जो अंगूठी पहनी थी उसकी कीमत उस समय 30 हजार पाउंड (करीब 30 लाख रुपये) थी। उसमें एक नीलम और 14 हीरे जड़े थे। इस शानदार सगाई के बाद चार्ल्स और डायना की शादी 29 जुलाई ,1981 को हुई। उनकी शादी की ड्रेस डेविड और एलिजाबेथ इमैनुएल ने डिजाइन की थी। डायना की शादी की ड्रेस में 24 फीट की चुनरी थी, जिसे हाथीदांत से बने टाफेटा और एंटीक लेस से सजाया गया था। शादी के वक्त डायना 20 साल की थीं।

इस शादी की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी। इसे टीवी पर दुनियाभर में एक अरब से ज्यादा लोगों ने देखा था। शादी को देखने के लिए ब्रिटेन में कैथीड्रल से लेकर बर्मिंघम पैलेस के सामने तक छह लाख लोग जमा हो गए। शादी के एक साल के भीतर 21 जून, 1982 को प्रिंस-चार्ल्स की पहली संतान प्रिंस विलियम्स का जन्म हुआ था। 15 सितंबर, 1984 को प्रिंस-चार्ल्स के दूसरे बेटे का जन्म हुआ था। प्रिंस विलियम्स के इस छोटे बच्चे का नाम रखा गया हेनरी, हालांकि बाद में उन्हें प्रिंस हैरी के नाम से जाना जाने लगा।

इस शाही जोड़ी के रिश्ते शादी के कुछ सालों बाद ही खराब होने लगे थे। इस रिश्ते में चल रही खटास की बानगी तब देखने को मिली जब 1992 में भारत दौरे पर आईं प्रिंसेस डायना ने ताजमहल के सामने अकेले बैठकर तस्वीर खिंचवाई थी। आखिरकार तलाक के ऐलान के चार साल बाद 28 अगस्त, 1996 को दोनों का तलाक हो गया। तलाक के एक साल बाद 31 अगस्त 1997 को एक सड़क हादसे में डायना की मौत हो गई। अप्रैल 2005 में प्रिंस चार्ल्स ने कैमिला पार्कर से शादी कर ली।

और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का जन्म 09 दिसंबर 1946 को इटली के लुसियाना में हुआ था। सोनिया का असली नाम एंटोनिया माइनो था। अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद सोनिया उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन स्थित कैम्ब्रिज पहुंचीं। यहां 1965 में उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई और फिर दोनों ने 1968 में शादी कर ली। 1991 में तमिलनाडु में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। राजीव की हत्या के सात साल बाद 1998 में सोनिया ने कांग्रेस की बागडोर संभाली और अध्यक्ष बनीं। वह 1999 में पहली बार अमेठी से लोकसभा सदस्य चुनी गईं। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में केवल एक ही सीट जीत पाई और वह सीट है रायबरेली। यहां से सोनिया गांधी ने चुनाव जीता है।

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