माकपा के बुक स्टॉल में तोड़फोड़, आरोप तृणमूल पर

विकास-कमलेश्वर जैसे वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने हिरासत में रखा

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में चल रहे दुर्गा पूजा के महोत्सव के बीच भी राजनीतिक टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। रासबिहारी इलाके में माकपा की ओर से लगाए गए बुक स्टॉल को तोड़ने का आरोप सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगा है। यह भी दावा है कि इसका विरोध जताने के लिए बुक स्टॉल पर पहुंचे सीपीएम के राज्यसभा सांसद विकास रंजन भट्टाचार्य जैसे वरिष्ठ नेता को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके अलावा मशहूर फिल्म निर्देशक कमलेश्वर मुखर्जी, रोबिन देव, कल्लोल मजूमदार जैसे नेताओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। घटना अष्टमी की रात की है।

माकपा की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि रासबिहारी के प्रतापादित्य रोड में माकपा की ओर से बुक स्टॉल लगाया गया था जिसमें ‘चोर धरो जेल भरो’ का पोस्टर भी था इसलिए तृणमूल से जुड़े लोगों ने बुक स्टॉल में तोड़फोड़ की, किताबें फेंक दीं। इसका विरोध करने के लिए जब सारे नेता पहुंचे तो आरोप है कि पुलिस ने इन सभी को हिरासत में ले लिया। पार्टी ने कहा है कि किताबों से इतना डर तृणमूल के भ्रष्टाचार को उजागर करता है। इधर इस घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने उसे मंगलवार को सफाई दी है।

पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि माकपा वाले पूजा को नहीं मानते हैं, ऐसे में दुर्गा पूजा में स्टॉल लगाने का कोई मतलब नहीं है। किसी बुक स्टॉल से समस्या नहीं है समस्या उसके जरिए राजनीतिक क्रियाकलाप से है। माकपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने ही तनाव को बढ़ाया जिसकी वजह से घटना हुई है।

इधर उक्त नेताओं को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री ने आवाज उठाई है। फिल्म जगत से जुड़े कई दिग्गजों ने इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर लिखना शुरू कर दिया है। हालांकि हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद विकास रंजन भट्टाचार्य को छोड़ दिया गया था लेकिन बाकी नेताओं को देर रात तक हिरासत में रखा गया।

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