कोलकाता : तीन दिन पहले अभिषेक बनर्जी ने कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा पर व्यक्तित्व तौर पर जुबानी हमला किया था। उनके बयान पर विवाद अब कोर्ट तक पहुंच गया है। वकीलों ने सोमवार को हाईकोर्ट में अभिषेक के खिलाफ स्वतःसंज्ञान लेकर मुकदमा दायर करने का अनुरोध किया है। कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर ली है।

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वकीलों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने हाई कोर्ट के जस्टिस के नाम पर अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणी की है।

वरिष्ठ वकील विकासरंजन भट्टाचार्य ने कहा, “अभिषेक ने कहा है कि हाई कोर्ट के जस्टिस राजशेखर मंथा माफिया और असामाजिक तत्वों को पनाह दे रहा है। हाईकोर्ट की वजह से इतनी हत्याएं की गई हैं। ऐसी टिप्पणियां सार्वजनिक तौर पर की जा रही हैं। कोर्ट ने स्पेशल बेंच बनाकर स्वत:स्फूर्त केस दायर करने की इजाजत दे दी है।”

वहीं वकील शाक्य सेन ने भी कहा कि यही शख्स पहले भी हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर चुका है। हमने कोर्ट से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

इससे पहले जस्टिस राजशेखर मंथा के खिलाफ कोलकाता शहर और हाई कोर्ट परिसर में पोस्टर लगाए गए थे। वकीलों के एक वर्ग ने उनकी बेंच का भी बहिष्कार किया था। मुख्य न्यायाधीश की डिविजन बेंच में पहले से ही एक मामला चल रहा है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा कि अदालत की अवमानना का यह केस भी जस्टिस मंथा के खिलाफ पोस्टर मामले के साथ ही सुना जाएगा।

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