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BSP से लोग निकलते गए और कारवां सिमटता गया : सत्येंद्र प्रताप सिंह

“मैंअकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर लोग मिलते गए और कारवां बनता गया”। यह कांशीराम पर सटीक बैठता है। दूसरी तरफ, “लोग निकलते गए और कारवां सिमटता गया”। यह मायावती पर सटीक बैठता है. दरअसल, कांशीराम के समय के ‘चेहरे’ अब बहुजन समाज पार्टी से नदारद हैं। सेकंड लाइन लीडरशिप वाले नेता एक-एक करके पार्टी […]

पवित्रम संस्कार वाटिका का दो दिवसीय समर कैंप का हुआ समापन

80 बच्चों को योगा, क्रिएटिविटी, सेवा कार्य, पर्यावरण, गो महत्ता, भारतीय संस्कृति की दी गई शिक्षा* धनबाद : पवित्रम सेवा परिवार के महिला आयाम ‘पवित्रम मातृ शक्ति’ द्वारा आयोजित दो दिवसीय समर कैम्प पवित्रम संस्कार वाटिका का धनबाद स्थित राजकमल शिशु विद्या मंदिर में समापन हुआ। इस दो दिवसीय पवित्रम संस्कार वाटिका शिविर में 5 […]

राहुल का अद्भुत भोलापन

डॉ. वेदप्रताप वैदिक राहुल गांधी की मध्य प्रदेश यात्रा सर्वाधिक सफल रहने की उम्मीद है। पिछले तीन-चार दिनों में मुझे यहां के कई शहरों और गांवों से गुजरने का अवसर मिला है। जगह-जगह राहुल, कमलनाथ, दिग्विजयसिंह और स्थानीय नेताओं के पोस्टरों से रास्ते सजे हुए हैं। लेकिन राहुल के कुछ बयान इतने अटपटे होते हैं […]

छठ : सूर्योपासना की भारतीय संस्कृति और विश्व परम्परा

                                            – डॉ. जंग बहादुर पाण्डेय सृष्टि के सभी प्राणियों में मनुष्य सर्वाधिक चिंतनशील एवं क्रियाशील प्राणी है। इसकी तीव्र बुद्धि ने इसे विकास की सीढ़ियां प्रदान की, लेकिन यह मानना होगा कि अभी […]

ऋषि सुनक पर फूहड़ बहस : डॉ. वेदप्रताप वैदिक

ब्रिटेन में ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर भारत में बधाइयों का तांता लगना चाहिए था लेकिन अफसोस है कि हमारे नेताओं के बीच फूहड़ बहस चल पड़ी है। कांग्रेस के दो प्रमुख नेता, जो काफी पढ़े-लिखे और समझदार हैं, उन्होंने बयान दे मारा कि सुनक जैसे ‘अल्पसंख्यक’ को यदि ब्रिटेन-जैसा कट्टरपंथी देश अपना प्रधानमंत्री […]

भैया दूज पर विशेषः यम के भय से मुक्ति का पर्व

योगेश कुमार गोयल भाई-बहन के पावन संबंधों की मजबूती और प्रेमभाव को स्थापित करने वाला पर्व है ‘भैया दूज’। बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर ईश्वर से उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। कहा जाता है कि इससे भाई यमराज के प्रकोप से बचे रहते हैं। इस वर्ष भैया दूज की तिथि को लेकर भी […]

कांग्रेस : राहुल ही अंतिम आशा

   – डॉ. वेदप्रताप वैदिक कांग्रेस को 24 साल बाद सोनिया परिवार के बाहर का एक अध्यक्ष मिला है। क्यों मिला है? क्योंकि सोनिया-गांधी परिवार थक चुका था। उसने ही तय किया कि अब कांग्रेस का मुकुट किसी और के सिर पर धर दिया जाए। माँ और बेटे दोनों ने अध्यक्ष बनकर देख लिया। कांग्रेस […]

भारतीय त्योहार देते हैं अर्थव्यवस्था को गति

                                                    प्रहलाद सबनानी भारतीय संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है। भारतीय नागरिक इन त्योहारों को श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाते है। गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा, दीपावली, होली, ओणम, […]

कांग्रेस : फिर चक्का जाम

                                                -डॉ. वेदप्रताप वैदिक मल्लिकार्जुन खड़गे अब कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे, यह तो तय ही है। यदि अशोक गहलोत बन जाते तो कुछ कहा नहीं जा सकता था कि कांग्रेस का क्या […]

जयंती विशेष/26 सितंबर, 1820) : सचमुच ‘विद्या’ सागर हैं ईश्वर चंद्र

विद्यासागर ने न सिर्फ नारी शिक्षा के लिए व्यापक जनान्दोलन खड़ा किया बल्कि उन्हीं के अनथक प्रयासों तथा दृढ़संकल्प के चलते ब्रिटिश शासनकाल में अंग्रेज 26 जुलाई, 1856 को विधवा पुनर्विवाह कानून पारित करने को विवश हुए थे। इसके बाद विधवाओं को समाज में नए सिरे से जीवन की शुरुआत कर ससम्मान जीने का अधिकार […]