कोलकाता : उत्तराखंड में पहाड़ पर ट्रेकिंग के दौरान बर्फबारी में फंस कर जान गँवाने वाले पांच और पर्यटकों के शव गुरुवार को कोलकाता लाए गये हैं। इनमें मशहूर ट्रेकर सागर प्रीतम रॉय का शव भी है।

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गुरुवार को विशेष विमान से लाए गए इन शवों को लेने के लिए राज्य के अग्निशमन मंत्री सुजीत बसु और उज्ज्वल विश्वास कोलकाता हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। उन्होंने सभी शव को उनके परिजनों के साथ आवास के लिए रवाना किया है।

यह ट्रेकर्स 10 अक्टूबर को उत्तराखंड के खरकिया से ट्रेकिंग करते हुए बागेश्वर, जतुली, देवीकुंड और नागकुंड होते हुए कनकटा दर्रे तक गए थे लेकिन भारी बारिश और बर्फीले तूफान के कारण वे सुंदरडुंगा ग्लेशियर के पास फंस गए थे। लंबे समय तक खराब मौसम के कारण उनका बचाव कार्य बार-बार बाधित हो रहा था। बाद में सुंदरडुंगा ग्लेशियर के पास पांच ट्रेकर्स के शव मिले।

इस मौके पर मंत्री सुजीत बसु ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर आया हूं। आज यहां से पांच लोगों के शव उनके परिजनों तक पहुंचाए गए हैं। यह बहुत दुःख की बात है।

मशहूर ट्रेकर और रानाघाट के निवासी सागर प्रीतम रॉय का शव भी पहुंचा है। सागर मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन मन पहाड़ों की ओर खिंचा चला गया और वह ट्रेकिंग करने गए। 10 अक्टूबर को प्रीतम भी बगनान के पांच दोस्तों के साथ उत्तराखंड गए थे। 11 अक्टूबर को घर फोन कर कहा कि वे ठीक हैं। वे उस दिन बागेश्वर में थे। उस दिन से बागेश्वर में मौसम खराब होने लगा था।

गोपालपुर के ग्रामीण चिकित्सक प्रमिल कांति रॉय ने उस अंतिम दिन ही अपने बेटे से आखिरी बार बात की थी। उसके बाद वह फोन पर बात नहीं कर पाए थे। बुधवार को उन्हें दर्दनाक खबर मिली।

पिछले शनिवार को भी एक अन्य पर्यटक का शव उत्तराखंड में ट्रेकिंग के दौरान पाया गया था। 30 वर्षीय तन्मय तिवारी हरिदेबपुर के नेपालगंज में रहते थे। वे भी एक ग्रुप के साथ ट्रेकिंग करने गए थे। उनके साथ उनके चाचा सुखेन मांझी भी थे। तन्मय एक आईटी के कर्मचारी थे।

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