कोलकाता : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संयुक्त रूप से जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अणुब्रत मंडल और उनके परिवार के सदस्यों की 11 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया है। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये का पशु तस्करी मामले में यह कार्रवाई की गई है।

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सूत्रों ने कहा कि दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने कोलकाता के राउज एवेन्यू कोर्ट में अपना संबंधित विवरण भी जमा कर दिया है, जहां ईडी पिछले हफ्ते आसनसोल में एक विशेष सीबीआई अदालत के आदेश के बाद पशु-तस्करी घोटाले से संबंधित सभी मामलों को स्थानांतरित करने में सक्षम थी।

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ईडी और सीबीआई ने यह भी बताया है कि कैसे बीरभूम जिले में तृणमूल अध्यक्ष के रूप में मंडल ने अपनी शक्ति और प्रभाव का इस्तेमाल करके लोगों से बाजार मूल्य से बहुत कम दरों पर संपत्तियां खरीदीं।

इन संपत्तियों में चावल मिलें शामिल थीं। राष्ट्रीय राजमार्गों से सटे प्रमुख क्षेत्रों में भूमि के भूखंड, आवासीय फ्लैट और कुछ लक्जरी गाड़ियां भी खरीदी गई हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि अगर वास्तविक बाजार मूल्य पर दो केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा जब्त की गई कुल संपत्ति पर विचार किया जाए तो यह 20 करोड़ रुपये के करीब होगी।

दोनों एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में यह भी विस्तार से बताया है कि कैसे पशु-तस्करी घोटाले की आय या तो चावल मिलों जैसे कानूनी व्यवसायों में निवेश के माध्यम से या शेल कंपनियों के माध्यम से काले से सफेद की गई थी।

मंडल फिलहाल नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी बेटी सुकन्या मंडल, निजी चार्टर्ड अकाउंटेंट मनीष कोठारी और उनके निजी अंगरक्षक सहगल हुसैन, जो करोड़ों रुपये के पशु तस्करी मामले में सह-साजिशकर्ता और लाभार्थी के रूप में आरोपिक हैं, को भी तिहाड़ जेल में रखा गया है।

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