सोनार बांग्ला ममता शासन में बना दरिद्र बंगाल : दिनेश शर्मा

– उप्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से बातचीत

कोलकाता : अंग्रेजों के जमाने से लेकर आजादी के बाद तक पश्चिम बंगाल “सोनार बांग्ला” के नाम से जाना जाता था। औपनिवेशिक काल में पूरे देश की अर्थव्यवस्था बंगाल की अर्थव्यवस्था से संचालित होती थी, लेकिन ममता सरकार में बंगाल दरिद्रता की चरम सीमा पर पहुंच गया है। यह कहना है भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का।

सांगठनिक विस्तार के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए डॉ. शर्मा ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि ओडिशा रेल हादसे के पीड़ितों से पश्चिम बंगाल में मुलाकात की। पता चला कि उनमें से अधिकतर लोग काम की तलाश में दक्षिण भारत जा रहे थे जब दुर्घटना की चपेट में आ गए। अगर बंगाल में काम का मौका होता तो उन्हें जाना नहीं पड़ता। सच्चाई यह है कि ममता सरकार में बंगाल का एक बड़ा हिस्सा श्रमिक में तब्दील हो गया है। गरीब और गरीब हो रहे हैं और अमीरों की संपत्ति लगातार बढ़ रही है। उन्होंने दावा किया कि राज्य के अधिकतर भ्रष्टाचारी तृणमूल के नेता हैं। एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है। कानून व्यवस्था यहां रसातल में है।

योगी से गुरुमंत्र लें ममता

डॉ. शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिस बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश हो रहा है, प्रशासनिक मजबूती बढ़ी है, कानून एवं व्यवस्था पूरे देश के लिए उदाहरण बनी है। यह गुरु मंत्र ममता और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी को योगी आदित्यनाथ से सीखनी चाहिए। डॉ. शर्मा ने कहा, “मैं पिछले कई दिनों से बंगाल के कई हिस्सों में घूम रहा हूं। जगह-जगह बम ब्लास्ट हो रहे हैं। लोग मर रहे हैं। कई गांव में बिजली नहीं है, सड़क नहीं है, पेयजल की व्यवस्था नहीं है जबकि केंद्र सरकार ने ये तमाम सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए रुपये भेजे हैं। उत्तर प्रदेश से यह सीखा जा सकता है कि कैसे लोगों की सुविधाएं सुनिश्चित होती हैं और मूलभूत जरूरतें पूरी की जाती हैं।

लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करेगी भाजपा

डॉ. शर्मा ने दावा किया कि भाजपा बंगाल में आसन्न पंचायत चुनाव और उसके बाद के लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करेगी। राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से कम से कम 35 सीटों पर भाजपा जीतेगी। इसके अलावा अगर निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से पंचायत चुनाव हुए तो पार्टी का प्रदर्शन शानदार होगा। उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के सवाल पर कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों में भले ही पार्टी का विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा, लेकिन लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन रहेगा।

अभिषेक का वर्चस्व स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं तृणमूल के नेता

भाजपा नेता डॉ. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस में पुराने नेताओं को दरकिनार कर दिया। जिन्होंने बुरे वक्त में मुख्यमंत्री का साथ दिया था वे आज किनारे लगा दिए गए हैं और ममता अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को बना चुकी हैं। तृणमूल के पुराने नेता इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए लोकसभा चुनाव में इसका लाभ निश्चित तौर पर भाजपा को होगा। राज्य में धीरे-धीरे मजबूत हो रही वामपंथी पार्टियों से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि वामदल अपना पूरा राजनीतिक अस्तित्व खो देंगे।

उत्तर प्रदेश में 70 लोकसभा सीटें जीतेगी भाजपा

डॉ. शर्मा ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में 80 में से कम से कम 70 सीटों पर भाजपा जीतेगी। जिस तरह से उत्तर प्रदेश में योगी ने वहां के बुआ भतीजे (अखिलेश और मायावती) को सबक सिखाया है वैसे ही बंगाल में बुआ-भतीजे (अभिषेक और ममता) को भाजपा सबक सिखाएगी।

मोदी ही होंगे प्रधानमंत्री

डॉ. शर्मा से यह भी पूछा गया कि राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर भाजपा बहुमत से जीत दर्ज करती है तो संभव है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री बनाया जाए। इस पर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर आदित्यनाथ आज देश के सबसे प्रतिष्ठित और सफल मुख्यमंत्री हैं, लेकिन सबके नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही हैं। वर्ष 2024 में भाजपा की शानदार जीत के बाद मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।

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