बंसल बने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव

उनके सांगठनिक नेतृत्व में यूपी भाजपा ने रचा इतिहास

अब मिली बड़ी जिम्मेदारी

– 2013 में यूपी पहुंचे सुनील बंसल, तब से भाजपा ने लगातार फहराया विजय पताका

– यूपी के बाद अब पश्चिम बंगाल समेत तीन राज्यों में कमल खिलाने की जिम्मेदारी

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के संगठन में भारी फेरबदल किया गया है। उत्तर प्रदेश भाजपा के महामंत्री संगठन सुनील बंसल राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए हैं। उप्र में भाजपा को चुनाव दर चुनाव जीत दिलाने वाले बंसल को उपहार के रूप में पार्टी ने अब राष्ट्रीय स्तर की राजनीति का मौका दिया है। इसके साथ ही बंसल को पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना में भी कमल खिलाने की चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है। वहीं उप्र में अब उनके स्थान पर झारखण्ड के प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल कार्यभार संभालेंगे।

उप्र भाजपा के सुनील बंसल ऐसे चेहरा बने जिनके यहां कदम रखने के बाद से भाजपा ने पलट कर नहीं देखा। बंसल 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 2013 में आ गए थे। कुछ समय तक वह उप्र के संगठन का अध्ययन करते रहे। फिर अमित शाह और तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ मिलकर 2014 के मिशन यूपी को फतेह करने में जुट गए। उनकी मौजूदगी में यूपी भाजपा ने लोकसभा का चुनाव लड़ा। उसमें ऐतिहासिक जीत हासिल हुई। सहयोगी दलों के साथ भाजपा को 80 में से 73 सीटों पर सफलता मिली।

इसके बाद पार्टी ने पहली बार जिला पंचायत के चुनावों में जोर आजमाइश की। इसमें भी पार्टी का अनुभव ठीक ही रहा। इसके बाद उप्र में भाजपा का वनवास खत्म करने का विधान सभा चुनाव आया। उप्र के 2017 के विधान सभा चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली। करीब तीन दशक बाद उप्र में किसी दल की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह सुनील बंसल पर भरोसा करते हैं। बंसल ने उनके भरोसे को कभी टूटने नहीं दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में जब उप्र में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन कर के सामने आए तो भाजपा के लिए चुनाव जीत पाना कठिन चुनौती थी। इस विपरीत परिस्थिति में भी संठन को मजबूती से खड़ा करने में बंसल ने अहम भूमिका निभाई। भाजपा गठबंधन को इस बार भी 80 में से 63 लोकसभा सीटों पर जीत मिली।

इतना ही नहीं, यूपी भाजपा ने इनके रहते एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। तीन दशकों में जो कोई दल नहीं कर पाया था, भाजपा ने 2022 में लगातार दूसरी बार सरकार बनाकर, वह भी कर दिखाया। जानकारों का मानना है कि बंसल की कार्यप्रणाली उप्र में राजनीतिक रूप से सूखा झेल रही भाजपा को उबारने में मददगार साबित हुई है। पार्टी ने उनका बड़ा प्रमोशन करते हुए मुख्य संगठन में राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व सौंपा है। वह आरएसएस से मुक्त हो गए हैं। भाजपा नेता के तौर पर काम करेंगे। बंसल के राष्ट्रीय महामंत्री बनने के बाद से कई प्रकार के कयास लगाए जाने लगे हैं।

यूपी के बाद इन तीन राज्यों में कमल खिलाने की जिम्मेदारी

सुनील बंसल ने इन नौ वर्षों में उप्र भाजपा की कार्यपद्धति में बड़ी तब्दीली ला दी है। जानकारों का मानना है कि पहले उप्र भाजपा में निर्णय लेने में बहुत खींचतान देखने को मिलती थी। बंसल ने संगठन के हित में फैसला लेने में कोई गुरेज नहीं की। उनका स्पष्टवादी होना भी भाजपा कार्यकर्ताओं को अच्छा लगा। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेयी कहते हैं कि सुनील बंसल ने यूपी में लगातार कमल खिलाया। पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री बनाकर उपहार दिया है। इसके साथ ही सियासी रूप से भाजपा के लिए तीन सूखे राज्यों तेलंगाना, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में कमल खिलाने का दायित्व भी सौंपा है। हम सबको भरोसा है कि उन राज्यों में भी कमल खिलेगा।

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